झारखंड में धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का विरोध, ग्रामीण बोले-ग्रामसभा की अनुमति के बिना नहीं बनेगा एयरपोर्ट
Jharkhand News : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट निर्माण के विरोध में देवशोल के ग्रामीणों ने बैठक की. इसकी अध्यक्षता ग्राम प्रधान दाखिन हांसदा ने की. बैठक में कहा गया कि एयरपोर्ट 5वें अनुसूचित क्षेत्र में है. यहां पेसा कानून लागू है. यहां ग्रामसभा सर्वोपरि है.
Jharkhand News : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट निर्माण के विरोध में देवशोल के ग्रामीणों ने बैठक की. इसकी अध्यक्षता ग्राम प्रधान दाखिन हांसदा ने की. बैठक में कहा गया कि एयरपोर्ट 5वें अनुसूचित क्षेत्र में है. यहां पेसा कानून लागू है. यहां ग्रामसभा सर्वोपरि है. इसके बावजूद सरकार एयरपोर्ट निर्माण की कोशिश कर रही है. ग्रामसभा की अनुमति के बिना एयरपोर्ट नहीं बनेगा.
पेसा कानून का दिया हवाला
पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. इसके खिलाफ उन्होंने बैठक की और रणनीति बनायी. इसमें उन्होंने पांचवें अनुसूचित क्षेत्र और पेसा कानून का हवाला देकर एयरपोर्ट निर्माण का विरोध जताया. उन्होंने कहा कि ग्रामसभा की अनुमति के बगैर एयरपोर्ट का निर्माण नहीं किया जा सकेगा. एयरपोर्ट क्षेत्र में देवशोल, रुआशोल, चारचाका, बुरुडीह, घासीडीह मौजा है. 72 हजार पेड़ काटे जाने की बात सामने आ रही है. ग्रामीणों का पशुओं के लिए चारागाह है. एयरपोर्ट बनने से कालापाथर देवस्थान से छेड़छाड़ होगी. इससे 12 मौजा के ग्रामीणों की आस्था जुड़ी है.
संवैधानिक तरीके से कर रहे आंदोलन
धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का विरोध जारी है. इसी क्रम में रणनीति बनाने को लेकर ग्रामीणों ने बैठक की. इसमें पांचवें अनुसूचित क्षेत्र और पेसा कानून का हवाला देकर एयरपोर्ट निर्माण का विरोध दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि ग्रामसभा की अनुमति के बगैर एयरपोर्ट का निर्माण नहीं किया जा सकेगा. आपको बता दें कि बीते दिनों कुछ लोगों ने जंगल बचाने के लिए पद्मश्री से सम्मानित जमुना टुडू की निंदा की थी. ग्रामीण इसका विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन न तो कोई व्यक्ति विशेष से है और न किसी संगठन से है. उनका आंदोलन सरकार के साथ है. संवैधानिक तरीके से वे आंदोलन कर रहे हैं. इस बैठक में बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं उपस्थित थे.