धनबाद के स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा नहीं ले सकेंगे अन्य चार्ज, प्रशासन ने दिया ये आदेश
धनबाद के शिक्षा विभाग ने सभी पब्लिक स्कूलों के साथ बैठक की जिसमें प्रशासन ने ये साफ कर दिया कि किसी भी सूरत में निजी स्कूल मासिक ट्यूशन फीस के अलावा और अन्य शुल्क नहीं ले सकते. साथ ही साथ ऐसे बच्चे जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति कोरोना काल में कमजोर हो गयी है उनसे भी आप कोई भी शुल्क नहीं ले सकते.
Private School Fees News In Dhanbad धनबाद : शिक्षा विभाग ने फीस मुद्दे पर धनबाद के निजी स्कूलों को साफ शब्दों में कह दिया है कि वे किसी भी सूरत में मासिक ट्यूशन फीस छोड़कर अन्य मद में फीस नहीं ले सकते हैं. कोरोना से उपजे हालात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा 25 जून, 2020 को जारी आदेश आज भी प्रभावी है. इसलिए पब्लिक स्कूल किसी भी परिस्थिति में इसका उल्लंघन नहीं कर सकते हैं.
सोमवार को धनबाद स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के सभागार में पब्लिक स्कूलों के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस और जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्रभूषण सिंह ने बैठक की. इसमें 60 से अधिक निजी स्कूलों के प्राचार्य शामिल थे. डीएसइ इंद्रभूषण सिंह ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार द्वारा 25 जून, 2020 को जारी आदेश आज भी प्रभावी है. कोई भी पब्लिक स्कूल किसी भी परिस्थिति में इसका उल्लंघन नहीं कर सकता है.
उन्हें किसी भी सूरत में आदेश के अनुसार मासिक ट्यूशन फीस को छोड़कर अन्य मद में फीस नहीं लेनी है. उन्होंने बताया कि इस बाबत कुछ स्कूलों के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में अभिभावक संगठनों द्वारा शिकायत की जा रही है.
कई स्कूलों में फीस निर्धारण समिति नहीं
डीइओ प्रबला खेस ने कहा कि जिले के सभी पब्लिक स्कूलों में स्कूल स्तर पर फीस निर्धारण कमेटी का गठन नहीं किया गया है, जबकि झारखंड शिक्षा न्यायाधीकरण के प्रावधानों के अनुसार इसका गठन आवश्यक है. अभी तक जिले के सिर्फ 37 स्कूलों ने ही अपने यहां फीस समिति के गठन व शुल्क बढ़ोतरी से संबंधित जानकारी उनके कार्यालय को सौंपी है.
उन्होंने स्कूलों से इस संबंध में जल्द से जल्द जानकारी उपलब्ध कराने को कहा. डीएसइ ने कहा कि यह समिति अपने स्तर पर झारखंड शिक्षा न्यायाधीकरण के प्रावधानों के अनुसार 10 प्रतिशत तक शुल्क में वृद्धि कर सकती है. लेकिन इससे अधिक फीस वृद्धि करने के लिए उन्हें जिला स्तरीय फीस निर्धारण समिति से आदेश लेना होगा.
क्या कहा शिक्षा अधिकारी ने
25 जून, 2020 को जारी आदेश आज भी प्रभावी. कोई भी पब्लिक स्कूल किसी भी परिस्थिति में इसका उल्लंघन नहीं कर सकता. मासिक ट्यूशन फीस छोड़कर अन्य मद में फीस नहीं लेना है.
इन्हें देनी होगी मासिक ट्यूशन फीस
डीएसइ इंद्रभूषण सिंह ने कहा कि कोई भी स्कूल किसी ऐसे अभिभावक, जिसकी आर्थिक स्थिति कोरोना काल में कमजोर हो गयी है, पर मासिक फीस देने के लिए भी दबाव नहीं बना सकता है. हालांकि स्कूल अभिभावकों की काउंसेलिंग कर सकते हैं और अपनी वित्तीय स्थिति की जानकारी देते हुए उनसे फीस देने के लिए तैयार कर सकते हैं. इसमें वे उन्हें बकाया फीस में कुछ छूट देकर बाकी फीस ले सकते हैं. हालांकि सरकारी संस्थान में काम करने वाला कोई भी अभिभावक ऐसी छूट का हकदार नहीं होगा. उन्हें मासिक ट्यूशन फीस देनी ही होगी.
Posted By : Sameer Oraon