धनबाद : लोकसभा चुनाव को लेकर अगले माह तक धनबाद की प्रशासनिक व्यवस्था में भारी बदलाव तय है. यहां के कई अधिकारी जो तीन वर्ष या इससे अधिक समय से धनबाद में पदस्थापित हैं, उनका तबादला होना तय है. भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्य सरकार के सभी विभागों के प्रमुख को पत्र भेजा है. इसकी प्रति उपायुक्त को भी भेजी गयी है. पत्र में कहा गया है कि 30 जून 2024 तक जिन अधिकारियों का यहां तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है, ऐसे अधिकारियों को चुनाव कार्य से दूर रखें. यह पूरी कार्रवाई 31 जनवरी तक पूरी करनी है. बहुत सारे अधिकारी जो संक्षिप्त मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में जुड़े हैं. उनका तबादला 22 जनवरी को मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद होगा. सूत्रों के अनुसार इसे लेकर कवायद शुरू हो गयी है. अगर कोई अधिकारी चुनाव कार्य से जुड़े नहीं हैं तो उनके लिए टाइम बैरियर लागू नहीं होगा.
सूत्रों के अनुसार धनबाद जिला में निदेशक एनइपी इंदु रानी लगभग पांच वर्ष से पदस्थापित हैं. आइएएस में प्रोन्नति के बाद भी उनकी पोस्टिंग नहीं हुई. श्रीमती इंदु 31 जनवरी को रिटायर्ड भी हो रही हैं. डीआरडीए के निदेशक (लेखा-प्रशासन) मो. मुमताज अली अहमद का भी टर्म पूरा हो रहा है. डीसीएलआर सतीश चंद्र भी यहां लगभग पांच वर्ष से पदस्थापित हैं. कार्यपालक दंडाधिकारी सुशांत मुखर्जी, गोविंदपुर के सीओ रामजी वर्मा भी इस दायरे में आ रहे हैं. इसके अलावा एडीएम (आपूर्ति) का पद लंबे समय से रिक्त है. एडीएम (आपूर्ति) यहां लोकसभा चुनाव में सहायक निर्वाचन पदाधिकारी (एआरओ) भी हैं. उम्मीद है कि जल्द ही इस पद पर किसी की पोस्टिंग हो जाये.
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