एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में मंगलवार को प्रभात खबर की ओर से हेल्थ अवेयरनेस प्रोग्राम स्वस्थ बेटियां खुशहाल परिवार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें बीसीसीएल के कोयला नगर अस्पताल से रिटायर स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ स्मिता श्रीवास्तव ने छात्राओं के विभिन्न सवालों के जवाब दिये. साथ ही उन्हें स्वस्थ के प्रति सचेत रहने और हाइजीन को लेकर टिप्स दिया. कॉलेज की प्राचार्या, लेक्चरर, प्रोफेसर ने प्रभात खबर के इस कार्यक्रम की सराहना की. सभी का कहना था कि प्रभात खबर अपनी सामाजिक, शैक्षणिक जिम्मेवारियों के साथ ही छात्राओं के लिए हेल्थ अवेयरनेस कार्यक्रम का आयेाजन कर प्रसंशनीय कार्य कर रहा है.
छात्राओं के सवाल
छात्राओं ने अनियमित मासिक, मोटापा, एनिमिया, ओवर थिंकिंग, याददाश्त कमजोर होना, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, डिप्रेशन व आई साइड कम होने से संबंधित सवाल चिकित्सक से पूछे.
चिकित्सक का जवाब
डॉ स्मिता ने छात्राओं के सवालों को ध्यान से सुना. उसके बाद जवाब दिया. उन्होंने बताया कि मासिक के समय शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं. मासिक 28 दिन का चक्र होता है. मासिक के समय पेट दर्द, जी मिचलाना, खाने की इच्छा न होना, अकेले रहने का मन करना. बेवजह उदासी आदि समस्याएं आती है. सबसे पहले इस बात को ठीक से समझना होगा कि आधी आबादी के लिए मासिक कुदरती देन है. इसका मतलब है, हमारा शरीर स्वस्थ है. हैप्पी, पीसफुल लाइफ के लिए फिजिकली, मेंटली व सोशल लाइफ में बैलेंस जरूरी है. मासिक के समय सामान्य दिनों की तरह काम करें, खाना न छोड़ें, ओवर थिंकिंग से बचें, मनपसंद संगीत सुनें, खुद को व्यस्त रखें.
समस्याएं जो सामने आयीं
कार्यक्रम में छात्राओं ने स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को रखा. इसमें अनियमित मासिक की परेशानी, व्हाइट डिस्चार्ज, चक्कर आना, कमर में दर्द होना, हाथ-पैर में जलन आदि शामिल है.
चिकित्सक ने दिये सुझाव
डॉ स्मिता ने बताया कि भारतीय परिवेश में 11 से 13 साल की उम्र में मासिक शुरू होता है. इसे मिनार्की कहते हैं. लेकिन बदलते लाइफ स्टाइल व पर्यावरण प्रदूषण के कारण नौ साल में भी पीरियड्स शुरू हो जा रहा है. कॉलेज गोइंग गल्स मिनार्की के स्टेज से गुजर चुकी होती हैं. मासिक की समस्या आम है. अगर ज्यादा परेशानी हो, तो चिकित्सक से मिलें. उन दिनों सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करें. चार घंटे में उसे बदलें व्हाइट डिस्चार्ज की परेशानी हो, तो छिपायें नहीं, तत्काल अपने परिजन को बतायें. पीरियड्स के पहले या बाद में ऐसी समस्या होती है. अधिक चक्कर आने पर हीमोग्लोबिन की जांच करायें. शरीर में खून की कमी होने से भी चक्कर आता है.
बैलेंस डायट लेने का दिया सुझाव
डॉ स्मिता ने कहा कि बढ़ती हुई उम्र में बेटियों को खाने में आयरन, विटामिन व मिनरल, प्रोटीन की जरूरत अधिक होती है. आयरन के लिए ब्रोकली, लाल साग, खजूर, सलाद पत्ता, पालक, गुड़, बीट, राजमा, बादाम खायें. विटामिन सी के लिए मटर, शिमला मिर्च, संतरा, नींबू, हरी मिर्च व आंवला का उपयोग करें. प्रोटीन के लिए ड्राय फ्रूट्स, अंडा, दूध, दही, दाल, मटर का सेवन करें. पौष्टिक व संतुलित आहार लें. नियमित योग करें. खूब पानी पीयें.
फास्ट फूड से करें परहेज
डॉ स्मिता ने छात्राओं को फास्ट फूड व जंक फूड से परहेज करने को कहा. बताया : पिज्जा, बर्गर, चाउमिन, पास्ता व कोल्ड ड्रिंक्स का इस्तेमाल नहीं करें. चटपटा खाने का मन करे, तो महीने या 15 दिन में खाया जा सकता है. फास्ट फूड में अजीनो मोटो डाला जाता है, यह एक तरह का केमिकल है, जो टेस्ट बढ़ाता है. इसके इस्तेमाल से माइग्रेन की समस्या हो सकती है. फास्ट व जंक फूड से मोटापा, बाल झड़ना, अनियमित मासिक, खून की कमी, लंबाई का नहीं बढ़ना जैसी समस्या होती है.
प्राचार्या ने की सराहना
कॉलेज की प्राचार्या डॉ शर्मिला रानी ने कहा कि ऐसे बेहतरीन कार्यक्रम के लिए पूरा दिन भी कम है. उन्होंंने कार्यक्रम के लिए प्रभात खबर का आभार जताया. कहा : हेल्थ जागरूकता कार्यक्रम में छात्राओं का उत्साह देख खुशी हुई. प्रभात खबर हर मुद्दों पर जागरूकता लाने का काम करता है.
विभागाध्यक्ष ने कहा : बेहतर आयोजन
मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष नीलू कुमारी ने कहा कि स्वास्थ्य को लेकर प्रभात खबर द्वारा चलाया जा रहा अभियान काफी अच्छा है. छात्राओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्या का समाधान मिला. चिकित्सक ने छात्राओं की समस्या सुना. उनकी काउंसेलिंग भी की. कैरियर संबंधी सुझाव भी दिये.