झारखंड का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बना धनबाद, प्रदूषण से बचने के लिए तीन जिलों को मिले 237 करोड़
झारखंड के तीन जिलों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए भारत सरकार से 237 करोड़ रुपये से अधिक मिला है. धनबाद को यह राशि 2019-20 तथा शेष जिलों को यह राशि 2021-22 से मिल रहा है. इस राशि से जिलों को प्रदूषण रोकने के लिए प्रयास करना है.
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) के तहत झारखंड के तीन जिलों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए भारत सरकार से 237 करोड़ रुपये से अधिक मिला है. धनबाद को यह राशि 2019-20 तथा शेष जिलों को यह राशि 2021-22 से मिल रहा है. इस राशि से जिलों को प्रदूषण रोकने के लिए प्रयास करना है. भारत सरकार ने एनसीपी योजना के तहत राज्य के तीन जिलों को रखा है. इन जिलों का एक्शन प्लान राज्य सरकार ने बनवाया है. राज्य में प्रदूषण की सबसे खराब स्थिति धनबाद जिले की है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का मानना है कि एनसीएपी कार्यक्रम चलाये जाने के बाद झारखंड के तीन जिलों के पर्यावरण में सुधार हुआ है. भारत सरकार 2019-20 से एनसीएपी कार्यक्रम चला रहा है.
2019 में 315 पहुंच गया था पीएम-10
धनबाद का पीएम-10 वर्ष 2018-19 में 315 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गया था. इस योजना के शुरू होने के बाद 2021-22 में यह 198 तक पहुंच गया था. 2021-22 में यह फिर बढ़ कर 235 हो गया है. 235 भी सामान्य से बहुत अधिक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार किसी भी शहर का वायु प्रदूषण का स्टैंडर्ड मानक 60 माना जाता है. जमशेदपुर की स्थिति वायु प्रदूषण के मामले में बहुत अच्छी नहीं है. यहां का पीएम-10 बीते साल औसत करीब 125 के आसपास था. यह भी स्टैंडर्ड मानक से करीब दो गुणा है. 2017-18 में रांची का औसत पीएम-10 141 के करीब पहुंच गया था. अभी यह 110 के आसपास है. यह सामान्य से दो गुणा के आसपास ही है. इसमें और अधिक सुधार की अनुशंसा की गयी है.
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2024 तक 25 से 30 फीसदी प्रदूषण कम करने का लक्ष्य
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने झारखंड के तीन शहरों के लिए एक्शन प्लान बनवाया है. एक्शन प्लान में रांची में पीएम-2.5 तथा पीएम-10 अगले दो साल (2024) तक 25 से 30 फीसदी कम करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए एक्शन प्लान में कई क्षेत्र में सुधार की अनुशंसा की गयी है. धनबाद के लिए जो एक्शन प्लान बनाया गया है. उसमें शहरी निकाय और बीसीसीएल की अलग-अलग भूमिका तय की गयी है. एक्शन प्लान में शार्ट और लांग टर्म योजना बनायी गयी है. जमशेदपुर में भी 2024-25 तक 20 से 30 फीसदी तक पीएम-2.5 और पीएम-10 कम करने की अनुशंसा की गयी है.
सबसे अधिक 94 करोड़ मिला है धनबाद को
इस कार्यक्रम के तहत भारत सरकार का वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सबसे अधिक राशि धनबाद जिले को दिया है. धनबाद को 2019-20 में छह, 2020-21 में 52 तथा 2021-22 में 11.09 करोड़ रुपये मिला है. जमशेदपुर को 2021-22 में 58 तथा 2021-22 में 36.35 करोड़ रुपये दिया गया है. इसी तरह रांची को 2021-22 में 49 तथा 2021-22 में 25 करोड़ रुपये मिला है.
जमशेदपुर और रांची में वायु प्रदूषण की स्थिति
जमशेदपुर
वर्ष पीएम-10 एसओ-2 एनओ-2
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2020 100.5 28.9 36.1
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2019 137.7 38.2 47.3
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2018 128.9 37.6 46.3
रांची
वर्ष पीएम-10 एसओ-2 एनओ-2
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2020 104.48 16.91 35.70
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2019 109.40 17.57 37.06
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2018 113.54 17.19 35.62