धनबाद : सीसीएल और डीवीसी में आज होगा चक्का जाम आंदोलन, निकाला गया मशाल जुलूस
सीसीएल के ढोरी, बीएंडके व कथारा एरिया और डीवीसी के बोकारो थर्मल व चंद्रपुरा थर्मल प्रबंधन के खिलाफ 27 नवंबर से गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के नेतृत्व में होने वाले अनिश्चितकालीन चक्का जाम आंदोलन को लेकर शनिवार की शाम को जगह-जगह मशाल जुलूस निकाला गया.
सीसीएल के ढोरी, बीएंडके व कथारा एरिया और डीवीसी के बोकारो थर्मल व चंद्रपुरा थर्मल प्रबंधन के खिलाफ 27 नवंबर से गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के नेतृत्व में होने वाले अनिश्चितकालीन चक्का जाम आंदोलन को लेकर शनिवार की शाम को जगह-जगह मशाल जुलूस निकाला गया. पुराना बीडीओ ऑफिस से निकला मशाल जुलूस फुसरो बाजार होते हुए शहीद निर्मल महतो चौक फुसरो पहुंचा. इसमें काफी संख्या में विस्थापित शामिल हुए और हक देना होगा, प्रबंधन की मनमानी नहीं चलेगी, नौकरी व मुआवजा देना होगा, खाली जमीन वापस करो, पानी, बिजली व चिकित्सा सुविधा देना होगा, रोड सेल में रोजगार देना होगा, बंद खदान को चालू करो, सीएसआर मद से विस्थापित गांवों में विकास करो आदि नारे लगाये गये.
सांसद ने कहा कि आंदोलन में वाहन मालिक भी समर्थन दें. प्रबंधन ने विस्थापितों के साथ बहुत अत्याचार किया है. इस अब विस्थापित बर्दाश्त नहीं करेंगे. जब तक विस्थापितों के हक की ठोस बात नहीं होगी, आंदोलन चलता रहेगा. सभी विस्थापित सुबह सात बजे से ही सड़क पर उतरें. इस आंदोलन को ऐतिहासिक बनाया जायेगा. विस्थापित नेता काशीनाथ सिंह व संतोष महतो ने कहा कि अपने हक के लिए विस्थापित अपनी लड़ाई लड़ना जानते हैं. जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक हटने वाले नहीं है. आंदोलन के दौरान एक छटांक कोयला व छाई कहीं जाने नहीं दिया जायेगा.
डुमरी प्रभारी यशोदा देवी व बेरमो प्रमुख गिरिजा देवी ने कहा कि महिलाएं भी सड़क पर उतरेंगी. अब विस्थापित किसी के बहकावे में आने वाले नहीं हैं. जिलाध्यक्ष सचिन महतो, मुखिया जैली महतो व सीमा महतो ने कहा कि विस्थापितों को प्रबंधन उनका हक दे, अन्यथा आंदोलन धीरे-धीरे और धारदार होगा. मौके पर नरेश महतो, दीपक महतो, धनेश्वर महतो, महेंद्र चौधरी, सुरेश महतो, महेश देशमुख, मोहन महतो, अखिलेश्वर ठाकुर, बीरू हरि, सूरज महतो, चिंतामणि महतो, बिनोद महतो, राजेंद्र महतो, चिकू शर्मा, संतोष रवानी, गोपी महतो, प्रकाश महतो, जयलाल महतो, सरस्वती देवी, चिंता देवी, कल्याणी देवी, रेखा देवी, उर्मिला देवी, उषा देवी, चंपा देवी, चमेली देवी, शनिचरी देवी, सोमारी देवी, बुधनी देवी, प्रमिला देवी, देवंती देवी, संतोषी देवी, कजरी देवी सहित सैकड़ों विस्थापित मौजूद थे.
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