देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरी करने के लिए कोयला मंत्रालय व कोल इंडिया ‘एक बिलियन टन’ कोयला उत्पादन पर जोर दे रही है. इसके लिए कोल इंडिया व उसकी सहायक कंपनियां अभी से ही मिशन मोड में काम कर रही हैं. नयी परियोजनाएं खोलने व पुरानी परियोजनाओं के विस्तारीकरण पर जोर दिया जा रहा है. कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने कोल इंडिया व सभी सहायक कंपनियों को चालू वित्तीय वर्ष से ही एक बिलियन टन उत्पादन लक्ष्य प्राप्ति के लिए रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में एक बिलियन टन उत्पादन लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सके. बता दें कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में कोल इंडिया का उत्पादन लक्ष्य 780 मिलियन टन है. वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 850 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
लक्ष्य प्राप्त के लिए क्या है कार्ययोजना
कोल इंडिया ने मिशन एक बिलियन टन के तहत सीएचपी/साइलो के माध्यम से यंत्रीकृत लोडिंग, रेल परियोजनाओं के अलावा इसी/एफसी, भूमि, निकासी अवसंरचनाओं जैसे सभी संसाधनों को पूरा करने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक कोल इंडिया ने अप्रैल 2020 से 15 अक्तूबर 2023 तक करीब लगभग 144.23 एमटीवाइ की अतिरिक्त क्षमता के साथ 101 प्रस्तावों के लिए इसी (इंवायरमेंट क्लियरेंस) प्राप्त कर ली है. करीब 3997.95 हेक्टेयर वन भूमि के डायवर्जन के साथ 25 प्रस्तावों के लिए चरण-दो के तहत एफसी (फोरेस्ट क्लियरेंस) और 2498.2 हेक्टेयर वन भूमि से संबंधित 15 प्रस्तावों के लिए चरण एक के तहत एफसी दी गई है. कोल इंडिया ने करीब 8893 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण भी किया है. वहीं 127 एमटीपीए क्षमता वाली नौ एफएमसी परियोजनाएं शुरू की गयीं हैं. कोयला निकासी और परिवहन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए पांच रेल परियोजनाएं भी शुरू की गयी हैं.
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