धनबाद : उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा कि निरसा क्षेत्र में एक फरवरी को सिर्फ गोपीनाथपुर में हादसा हुआ था. वहां अवैध उत्खनन नहीं हो रहा था, बल्कि कुछ लोग कोयला चुनने गये थे. इसी दौरान हुए हादसे में पांच लोगों की मौत हो गयी. दहीबाड़ी एवं कापासारा में कोई घटना नहीं हुई है. उन दोनों स्थानों पर जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई.
बुधवार को समाहरणालय सभागार में प्रेस वार्ता में डीसी ने कहा कि बीसीसीएल सीएमडी एवं इसीएल सीवी एरिया के जीएम ने साफ लिख कर दिया है कि दहीबाड़ी एवं कापासारा में कोई घटना नहीं हुई. इसीएल के गोपीनाथपुर आउटसोर्सिंग में जो घटना हुई है, उसकी जांच चल रही है. उन्होंने खुद घटनास्थल का दौरा किया है. गोपीनाथपुर में मरनेवाले पांच लोगों में चार महिलाएं तथा एक पुरुष हैं. डीजीएमएस भी घटना की जांच कर रहा है.
डीजीएमएस के डीजी से बात हुई है. लोगों से अपील की गयी है कि अगर उन्हें इस घटना के संबंध में कुछ जानकारी है, तो खुल कर सूचना दें. किसी पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी. अगर लोग चाहें तो सीधे उन्हें (डीसी को), एसएसपी, ग्रामीण एसपी या एसडीएम को भी सूचनाएं दे सकते हैं.
कहा कि अवैध उत्खनन रोकना कोयला कंपनियों की पहली जिम्मेदारी है. बीसीसीएल के पास सीआइएसएफ का बड़ा स्ट्रक्चर है.
खुद उनके भी सुरक्षा बल हैं. इन सबका उपयोग होना चाहिए. अगर इसके बाद भी अवैध उत्खनन होता है, तो संबंधित कोयला कंपनियां एफआइआर दर्ज करायें. अगर कोयला अधिकारियों पर कहीं ईंट-पत्थर चलता है, तो उसकी लिखित जानकारी स्थानीय पुलिस को दें. नहीं तो कोयला अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. माइनिंग लीज होल्ड एरिया में बाहरी लोगों का प्रवेश रोकना कोयला कंपनियों का ही काम है.
उपायुक्त ने कहा कि धनबाद के कुछ इलाके में संगठित अपराधियों द्वारा अवैध उत्खनन कराने की सूचना है. ऐसे अपराधी बाहर से मजदूरों को लाकर यहां कोयला निकलवाते हैं. ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है. गोपीनाथपुर की घटना में भी पीड़ितों से पूछताछ में अगर किसी ऐसे अपराधी का नाम आता है, तो उन पर भी प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. जेल भेजा जायेगा. साथ ही चार्जशीट भी होगी.
गोपीनाथपुर हादसे में निरसा पुलिस ने कोलियरी प्रबंधक एमके सिंह पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. यहां नौ महिला व पुरुषों की मौत चाल धंसने से हो गयी थी. प्राथमिकी में संगठित गिरोह द्वारा इसीएल की चालू खदान में अवैध खनन करना और जानकारी कोलियरी प्रबंधन को होना बताया गया है. पुलिस का कहना है कि अवैध खनन की जानकारी प्रबंधन को अवश्य थी. इससे पूर्व 23 जनवरी 2019 को कापासारा आउटसोर्सिंग में तीन लोगों की मृत्यु हो गयी थी. उस समय तत्कालीन जीएम सदानंद सुमन, पीओ, खान प्रबंधक, आउटसोर्सिंग प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी की गयी थी.
डीजीएमएम के निदेशक (माइंस सेफ्टी) मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि गोपीनाथपुर में जहां घटना हुई है, वह अस्थायी रूप से बंद थी. माइंस एक्ट के अनुसार, अगर किसी खदान में अस्थायी रूप से काम बंद होता है, तो उसकी घेराबंदी करानी होती है. गोपीनाथपुर में यह नहीं हुआ था. साथ ही, जो खदान स्थायी रूप से बंद होती है, उसकी डोजरिंग करा कर स्थायी रूप से सील किया जाता है. उन्होंने भी कहा कि दहीबाड़ी एवं कापासारा में मंगलवार को कोई घटना नहीं हुई थी.
Posted By : Sameer Oraon