Loading election data...

Jharkhand News : नहीं बढ़ी खेती, लेकिन किसानों की यकायक आ गयी बाढ़, जानिए आखिर क्यों 66 हजार लोगों ने खुद को बताया किसान ?

Jharkhand News : धनबाद (संजीव झा) : धनबाद जिले में खेती नहीं बढ़ी. खेतों का क्षेत्रफल भी नहीं बढ़ा, लेकिन पिछले सात वर्षों के दौरान निबंधित किसानों की संख्या दो गुनी और अनिबंधित किसानों की संख्या लगभग तीन गुनी बढ़ गयी. यहां पेंशन व सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए रातों-रात नये किसान पैदा हो गये. 66 हजार लोगों ने खुद के किसान होने का दावा किया है. जिला प्रशासन ने छानबीन के बाद 30 हजार का नाम काट दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2020 2:44 PM

Jharkhand News : धनबाद (संजीव झा) : धनबाद जिले में खेती नहीं बढ़ी. खेतों का क्षेत्रफल भी नहीं बढ़ा, लेकिन पिछले सात वर्षों के दौरान निबंधित किसानों की संख्या दो गुनी और अनिबंधित किसानों की संख्या लगभग तीन गुनी बढ़ गयी. यहां पेंशन व सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए रातों-रात नये किसान पैदा हो गये. 66 हजार लोगों ने खुद के किसान होने का दावा किया है. जिला प्रशासन ने छानबीन के बाद 30 हजार का नाम काट दिया है.

क्यों और कैसी बढ़ी संख्या

धनबाद जिले में कृषि विभाग के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार यहां कृषि योग्य भूमि का अंतिम सर्वे वर्ष 1981-82 में हुआ था. वह भी पूर्ण नहीं हो पाया. यहां पर कागज में 69 हजार 323.6 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है. हालांकि, वास्तविक आंकड़ा अभी इतना नहीं होने की संभावना है क्योंकि पिछले चार दशक में बहुत सारे किसानों ने अपनी जमीन बेच दी. बहुत स्थानों पर खेती योग्य जमीन को भी रियल इस्टेट कारोबारियों ने विकसित कर घर व बाजार बना दिया. डूप्लेक्स भी ज्यादा कृषि योग्य भूमि पर ही बने हैं. वर्तमान में वास्तविक कृषि योग्य भूमि काफी कम हो गयी है. ऐसे समय में जब लोग रोजगार की तलाश में गांव छोड़ कर शहर की तरफ जा रहे हैं. तब धनबाद में किसानों की संख्या में अचानक भारी वृद्धि कई सवाल खड़े करती है. झारखंड में कृषि विभाग से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

Also Read: Coronavirus In Jharkhand LIVE Update : रांची के 20 सेंटरों पर हो रही कोरोना की जांच, उपायुक्त छवि रंजन पहुंचे ओरमांझी, विशेष जांच अभियान का लिया जायजा
पेंशन की घोषणा होते ही किसान बनने की होड़

वित्तीय वर्ष 2011-12 में किसानों को राहत देने के लिए आयी एक योजना के दौरान जब निबंधन कराया गया था, तो कुल 41 हजार किसानों ने निबंधन कराया था, लेकिन वर्ष 2019 में जब केंद्र एवं राज्य सरकार ने किसानों के लिए पेंशन देने की घोषणा की, तो यहां किसानों की संख्या में बाढ़ आ गयी. पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए 80 हजार से ज्यादा आवेदन आ गये. जिसमें से 65 हजार से अधिक किसानों का निबंधन कर दो वर्षों से सम्मान निधि राशि भेजी जा रही है, जबकि मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के लिए 1.08 लाख लोगों ने खुद को किसान होने का दावा करते हुए निबंधन के लिए आवेदन कर दिया. इसमें से 78 हजार किसानों का निबंधन कर राशि भुगतान शुरू कर दिया गया. जिला कृषि कार्यालय भी अभी धनबाद जिले में 78 हजार किसानों को निबंधित मान रहा है.

सिर्फ पेंशन के लिए रातों-रात बन गये किसान

सूत्रों के अनुसार अगर सही तरीके से जांच हो जाये तो धनबाद जिले में निबंधित किसानों में तीस प्रतिशत से अधिक लोग ऐसे हैं जिन्हें खेती से कोई मतलब नहीं है. केंद्र व राज्य प्रायोजित किसान सम्मान योजना से राशि लेने के लिए ही रातों-रात हजारों किसान पैदा हो गये. एक ही परिवार के कई लोग पेंशन ले रहे हैं. पीएम किसान सम्मान निधि योजना में पहले भी गड़बड़ी का खुलासा हो चुका है. जमीन के दस्तावेजों में हेर-फेर कर लोगों ने खुद को किसान घोषित कर दिया.

किसान की परिभाषा स्पष्ट नहीं

एक सरकारी अधिकारी के अनुसार कौन किसान माने जायेंगे, इसको लेकर सरकार की गाइडलाइन स्पष्ट नहीं है. इसका ही बेजा लाभ उठाया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के भू-धारक ही किसान माने जायेंगे या शहरी क्षेत्र के जमीन मालिक भी इस दायरे में आयेंगे. यह भी स्पष्ट नहीं है. कई लोग जिनका शहरी क्षेत्र में भी कुछ जमीन है, उन्होंने भी अपना निबंधन किसान के रूप में करा लिया है.

क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी

धनबाद में खेती योग्य भूमि का नया रिकॉर्ड विभाग के पास नहीं है. कौन सी भूमि कृषि योग्य तथा कौन सी नहीं. इसका रिकॉर्ड अंचलों में रहता है. धनबाद जिले में बहुत वर्षों से कृषि योग्य भूमि का सर्वे नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत 1.08 लाख किसानों ने आवेदन दिया था. फिलहाल यहां 78 हजार किसान निबंधित हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version