धनबाद के पूर्व एसएसपी सुरेंद्र झा समेत चार पर नहीं चलेगा मुकदमा, जानें पूरा मामला
तोपचांची के पूर्व थानेदार उमेश कच्छप मौत मामले में दायर शिकायतवाद अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. उमेश की भाभी नंदी कच्छप ने धनबाद के पूर्व एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा समेत चार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए दबाव बनाने का शिकायतवाद छह अगस्त, 2016 को दायर किया था.
Dhanbad Court News: तोपचांची के पूर्व थानेदार उमेश कच्छप मौत मामले में दायर शिकायतवाद अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. उमेश की भाभी नंदी कच्छप ने धनबाद के पूर्व एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा समेत चार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए दबाव बनाने का शिकायतवाद छह अगस्त, 2016 को दायर किया था. रांची जिला के कांके थाना क्षेत्र के नगड़ी की रहनेवाली नंदी के अधिवक्ता कुमार मनीष की दलीलें सुनने के बाद जिला व सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह ने अपना फैसला सुनाया.
क्या है लेटेस्ट ऑर्डर
ताजा आदेश से भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी सुरेंद्र कुमार झा के अलावा बाघमारा के पूर्व डीएसपी मजरूल होदा, हरिहरपुर के पूर्व थाना प्रभारी संतोष रजक और तोपचांची के पूर्व इंस्पेक्टर डीके मिश्रा को बड़ी राहत मिली है. 1994 बैच के दारोगा उमेश कच्छप ने घटना से महज 10 दिन पहले तोपचांची थाना में बतौर थानेदार योगदान दिया था. याद रहे कि उमेश कच्छप का शव थाना परिसर में ही स्थित उनके आवासीय कमरे में फंदे से लटकता मिला था. बाद में राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआइडी को सौंप दी थी.
नंदी कच्छप के क्या थे आरोप
नंदी कच्छप ने दायर शिकायतवाद में कहा था कि उनके देवर उमेश कच्छप एक ईमानदार पुलिस अधिकारी थे. 14 जून, 2016 को उमेश ने फोन कर उन्हें तथा अपनी पत्नी चांदमुनी कच्छप को बताया था कि पूर्व डीएसपी मजरूल होदा और हरिहरपुर के पूर्व थानेदार संतोष रजक ने एक ट्रक पकड़ा था तथा उसके ड्राइवर नाजिम पर गोली चलायी थी. उस फर्जी कांड में उन्हें फंसाया जा रहा है. घटना राजगंज थाना क्षेत्र की थी, जबकि उसे तोपचांची में दिखाया जा रहा है. नंदी के अनुसार, उमेश कच्छप ने एसएसपी को सूचना दी और उनसे मदद मांगी तो उनके द्वारा भी धमकाया गया. 18 जून, 2016 को नंदी कच्छप को मोबाइल पर सूचना मिली कि उनके देवर की स्थिति काफी नाजुक है. जब वह तोपचांची थाना पहुंचीं तो उनके देवर की लाश थाने में पड़ी थी. नंदी ने आरोप लगाया था कि वे लोग अनुसूचित जाति से हैं. इस कारण अधिकारियों द्वारा उनके देवर को प्रताड़ित किया गया और आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया. मामले में नंदी कच्छप, पत्नी चांदमुनी कच्छप, भतीजा विपिन कच्छप व पुत्र विवेक कच्छप ने गवाही भी दी थी.
पुलिस सेवा से बर्खास्त हो चुके हैं संतोष रजक
उमेश कच्छप की मौत को पुलिस अधिकारियों ने आत्महत्या का मामला बताया था. घटना के बाद काफी बवाल मचा. तत्कालीन डीएसपी मजरूल होदा, तोपचांची इंस्पेक्टर धीरेंद्र मिश्रा व हरिहरपुर थानेदार संतोष रजक को निलंबित कर दिया गया था. वहीं तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा का तबादला कर दिया गया. जांच के बाद दारोगा संतोष रजक को पुलिस सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है.