Jharkhand News, Dhanbad News रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के दाैरान नाराजगी जतायी. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सीबीआइ की अोर से प्रस्तुत जांच की स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद उसे बेताल पच्चीसी की तरह बताया.
बेताल पच्चीसी कहानी का जिक्र करते हुए खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि इसमें नया कुछ नहीं है. सीबीआइ अभी भी वहीं पर है, जहां से जांच शुरू की थी. सीबीआइ की स्टेटस रिपोर्ट स्टीरियो टाइप है. सीबीआइ ने मामले में जो चार्जशीट दायर की है, वह उपन्यास की तरह है. दफा 302 के तहत की गयी चार्जशीट में हत्या के लिए मोटिव नहीं बताया गया है.
ट्रायल में सीबीआइ बिना मोटिव हत्या कैसे साबित कर सकती है. हत्या के लिए मोटिव नहीं रहने पर इंटेंशन कभी साबित नहीं किया जा सकता है. हालांकि सीबीआइ ने जांच में लार्जर कांसिपरेसी का मुद्दा खुला रखा है. इससे पूर्व सीबीआइ की अोर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने समय देने का आग्रह किया, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया. ज्ञात हो कि धनबाद के जज उत्तम आनंद की सड़क दुर्घटना में मौत को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
Posted by : Sameer Oraon