Dhanbad ADJ Death Case Update धनबाद : धनबाद के दिवंगत जिला जज (आठ) उत्तम आनंद हत्याकांड की सीबीआइ जांच शुरू हो गयी है. इस हत्याकांड में गिरफ्तार ऑटो चालक लखन वर्मा तथा उसका सहयोगी राहुल वर्मा को जल्द रिमांड पर लेने की तैयारी शुरू हो गयी है. झारखंड सरकार की अनुशंसा और हाइ कोर्ट के निर्देश पर जज उत्तम आनंद मौत मामले की गुरुवार से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने विधिवत जांच शुरू कर दी.
बता दें कि एएसपी विजय कुमार शुक्ला के नेतृत्व में बनी 20 सदस्यीय टीम बुधवार की देर रात ही धनबाद पहुंच गयी थी. सीबीआइ की टीम ने आज सर्किट हाउस में एसआइटी के अधिकारियों के साथ बैठक की.
धनबाद थाना में केस से संबंधित कागजात व सबूतों की जांच, शहर में लगे सीसीटीवी व पाथरडीह क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की.
टीम दोपहर 12 बजे के करीब सर्किट हाउस पहुंची. एसआइटी टीम में शामिल बोकारो रेंज के डीआइजी कन्हैया मयूर पटेल, एसएसपी संजीव कुमार, सिटी एसपी आर रामकुमार, एएसपी मनोज स्वर्गीयारी वहां पहले से मौजूद थे. धनबाद थानेदार व कांड के आइओ इंस्पेक्टर विनय कुमार को बुलाया गया. उनसे पूछा गया कि घटना की जानकारी बड़े अधिकारियों को लेट से क्यों दी गयी. इसको ले उनको फटकार लगायी गयी.
पूछा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद क्या- क्या कार्रवाई की गयी. शाम को सीबीआइ एएसपी विजय शुक्ला स्वयं धनबाद थाना पहुंचे व केस से संबंधित जानकारी ली. सारे कागजातों की जांच की गयी.
टीम ने आरोपियों से जब्त मोबाइल को अपने पास ले कर उसकी जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा एसआइटी की ओर से अब तक के अनुसंधान पर तैयार केस डायरी भी कब्जे में लिया. इस संबंध में धनबाद थाना में ही एक जेरोक्स मशीन मंगायी गयी. तकरीबन एक हजार पेज की केस डायरी की जेरोक्स कॉपी टीम ने निकाली. फोरेंसिक टीम व फिंगर प्रिंट टीम ने भी जांच की आरोपियों के कपड़े, जूते का मिलान करवाया.
मुख्य आरोपी ऑटो चालक लखन वर्मा व राहुल वर्मा को सीबीआइ भी जल्द रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. सूत्रों की मानें तो आरोपियों की ब्रेन मैपिंग व नार्को टेस्ट भी सीबीआइ करा सकती है. हालांकि अभी तक एसआइटी की टीम प्रथम दृष्ट्या में इसे दुर्घटना मान कर ही चल रही थी. आरोपियों से पूछताछ होने के बाद ही इस मामले में आगे की रणनीति तय हो सकती है.
धनबाद. 28 जुलाई को जज उत्तम आनंद की मौत के बाद बनी एसआइटी यह खुलासा नहीं कर पायी कि घटना हत्या है या हादसा. नतीजतन झारखंड सरकार की अनुशंसा और हाइकोर्ट के आदेश के बाद यह मामला सीबीआइ को सौंप दिया गया. हालांकि सीबीआइ के लिए भी इस मामले का खुलासा आसान नहीं है. एसआइटी द्वारा की गयी अभी तक की जांच में कुछ भी साफ नहीं हो पा रहा है. एसआइटी की टीम ने लगभग 250 लोगों से पूछताछ की है. इस मामले को देख रहे सीबीआइ एएसपी विजय शुक्ला का रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है.
Posted By : Sameer Oraon