धनबाद जज मामला: जान-बूझकर मारा गया था जज उत्तम आनंद को धक्का, जांच में हुआ खुलासा
धनबाद जज मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में प्रिंसिपल साइंटिस्ट अमोद कुमार सिंह की गवाही करायी, जिसमें उन्होंने कहा कि वह क्राइम सीन रिक्रिएशन में शामिल थ. हालांकि अदालत में साक्ष्य के लिए आज की तारीख मुकर्रर की है
धनबाद : धनबाद के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद के मौत मामले की सुनवाई सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश तृतीय रजनीकांत पाठक की अदालत में हुई. अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जेल में बंद ऑटो चालक लखन कुमार वर्मा व उसके सहयोगी राहुल कुमार वर्मा की पेशी करायी गयी. अभियोजन की ओर से सीबीआइ के लोक अभियोजक ने साक्षी सीएफएसएल के प्रिंसिपल साइंटिस्ट अमोद कुमार सिंह की गवाही करायी.
उन्होंने अदालत को बताया कि वह क्राइम सीन रिक्रिएशन में शामिल थे. वह क्राइम सीन पर दो बार गये थे. यह धक्का जान-बूझकर मारा गया है. साइकोलॉजिकल असेसमेंट के तहत उन्होंने क्राइम सीन की रिपोर्ट पर सिग्नेचर किया. अदालत ने साक्ष्य के लिए अगली तिथि 29 मार्च, 2022 मुकर्रर कर दी.
ज्ञात हो कि झारखंड हाइकोर्ट ने धनबाद जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में व्हाट्सऐप के भारत प्रमुख को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने दिया है. क्यों कि सीबीआई की तरफ से बताया गया है कि जांच के दौरान एक व्हाट्सऐप चैट की जानकारी मिली है. पूरी चैटिंग मिलने के बाद अनुसंधान में मदद मिलेगी.
वहीं गोविंदपुर स्थित सिटी फ्यूलस नामक पेट्रोल पंप के दो कर्मचारियों की भी गवाही दिलायी गयी है. इनमें से एक गवाह शमशेर अली अंसारी ने अदालत में उपस्थित लखन वर्मा की पहचान ऑटो चालक के रूप में की है. अदालत को दिये गये बयान में उन्होंने कहा था कि उसकी ड्यूटी 27 जुलाई 2021 को शाम 6:30 से 28 जुलाई 2021 की सुबह 6:30 बजे तक पेट्रोल पंप पर थी. उसकी पाली समाप्त होने से पूर्व ही सुबह एक ऑटो आया, जिसमें उसने डीजल डाला था.
Posted By: Sameer Oraon