Dhanbad Judge Murder Case (धनबाद) : धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत मामले में बुधवार को CBI ने दिल्ली के क्राइम ब्रांच में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. 18 साल बाद CBI की टीम ने धनबाद में एंट्री ली है. धनबाद थाना में दर्ज प्राथमिकी को ही CBI ने आधार बनाया है. वहीं, SIT द्वारा की गयी अब तक सभी जांच CBI को सौंप दिया गया है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब धनबाद में जुड़े अपराध में CBI ने एंट्री ली हो. इससे पहले भी दिल्ली और लखनऊ की CBI की क्राइम ब्रांच ने धनबाद के केस में काम किया है.
सुशांतो सेनगुप्ता हत्याकांड
5 अक्टूबर, 2002 में निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता के पति सुशांतो सेनगुप्ता, उसके भाई संजय सेनगुप्ता और ड्राइवर डीडी पाल की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले की जांच लखनऊ CBI ने की थी. मामले में हलधर महतो, ठाकुर बनर्जी और प्रशांतो बनर्जी को आरोपी बनाया गया था.
वर्ष 2003 में कोयला व्यवसायी प्रमोद सिंह हत्याकांड की जांच दिल्ली CBI ने की थी. धनसार में कोल कारोबारी प्रमोद सिंह पर ताबड़तोड़ गाेलियां चलायी गयी थी. CBI जांच के बाद जब इसमें दिवंगत कोल व्यवसायी सुरेश सिंह का नाम आया था, तो दिल्ली CBI की टीम ने उन्हें अपने साथ ले गयी. अभी यह मामला धनबाद में CBI के विशेष न्यायालय के अंतिम दौर में है.
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16 जनवरी, 2005 को माले विधायक महेंद्र सिंह की हत्या की जांच लखनऊ CBI की क्राइम ब्रांच ने की थी. वह बगोदर से सभा कर वापस लौट रहे थे. एक गांव के समीप दो युवक बाइक से आये और गोली मार कर हत्या कर दी. करीब पांच साल तक अनुसंधान के बाद लखनऊ CBI की स्पेशल क्राइम डिवीजन ने धनबाद विशेष न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया था. इसमें हार्डकोर नक्सली साकीम उर्फ रमेश मंडल उर्फ उदय और रामचंद्र महतो उर्फ प्रमोद महतो को मुख्य आरोपी बनाया था.
Posted By : Samir Ranjan.