Dhanbad Judge Murder Case: जज उत्तम आनंद की हत्या से जुड़े ऑटो चोरी के एक दूसरे मामले की सुनवाई बुधवार को सीबीआइ के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में हुई. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता कुमार विमलेंदु ने बहस पूरी की. वहीं अभियोजन की ओर से दिल्ली क्राइम ब्रांच सीबीआइ के विशेष अभियोजक अमित जिंदल पहले ही अपनी बहस पूरी कर चुके है. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 17 जनवरी मुकर्रर कर दी. बताते चलें कि छह अगस्त 2022 को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने जेल में बंद अभियुक्त लखन कुमार वर्मा व राहुल कुमार वर्मा को भादवि की धारा 302/34 में दोषी पाकर उम्रकैद की सजा सुनाई थी. फिलहाल जज उत्तम आनंद की हत्या करने के अपराध में लखन व राहुल हजारीबाग केंद्रीय कारा में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं अभियोजन की ओर से सीबीआइ द्वारा इस मामले में कुल 17 गवाहों का परीक्षण अदालत में करवाया गया था.
जज उत्तम आनंद की हत्या मामले में सजायाप्ता लखन कुमार वर्मा व राहुल कुमार वर्मा ने अपने अधिवक्ता सब्यसंची के मार्फत झारखंड हाइकोर्ट में क्रिमिनल अपील याचिका दायर कर निचली अदालत के निर्णय को चुनौती दी है.
जज उत्तम आनंद की हत्या करने के अपराध में केंद्रीय कारा हजारीबाग में बंद राहुल वर्मा के मामले की सुनवाई बुधवार को सीबीआइ के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सह एसडीजेएम अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में हुई. केस अभिलेख साक्ष्य पर निर्धारित था, लेकिन अभियोजन पक्ष की ओर से सीबीआइ कोई गवाह पेश नहीं कर सकी. अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का आदेश देते हुए अगली तारीख 17 जनवरी निर्धारित कर दी. बताते चलें कि जज हत्याकांड के मामले में सीबीआइ की ओर से तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, जिसमें हत्या के मामले में राहुल वर्मा व लखन वर्मा को उम्र कैद की सजा हो चुकी है. दो मामलों का ट्रायल फिलहाल चल रहा है. आरोपी राहुल वर्मा के खिलाफ धनबाद थाना क्षेत्र के हिल कॉलोनी निवासी पुणेदु विश्वकर्मा के घर से मोबाइल चोरी करने का आरोप है. सीबीआइ राहुल वर्मा की निशानदेही पर चार मोबाइल बरामद किया था.
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जालसाजी के एक मामले में आरोपित वैज्ञानिक अजय कुमार द्विवेदी को बुधवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पूजा पांडे की अदालत ने जमानत पर मुक्त करने का निर्देश दिया है. आरोपी को जेल से रिहा कर दिया गया. इससे पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत द्वारा वैज्ञानिक को जमानत पर मुक्त करने का निर्देश दिया गया था. वैज्ञानिक के खिलाफ बलियापुर थाना में वर्ष 2014 में जालसाजी करने का आरोप लगाया गया था. बलियापुर स्थित बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में 99 हजार 976 रुपये का घोटाला करने का आरोप था. आरोपी की ओर से अधिवक्ता अरुण तिवारी ने मुकदमे की पैरवी की.