धनबाद जज हत्याकांड: जान-बूझकर की गयी थी उत्तम आंनद की हत्या, लखन और राहुल दोषी करार
धनबाद जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की विशेष अदालत ने राहुल और लखन को दोषी करार दिया है. सजा की सुनवाई 6 अगस्त को होगी. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा है कि वे इस फैसले को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती देंगे
धनबाद : धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद हत्याकांड में गुरुवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने अपना फैसला सुनाया. वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए दिये फैसले में श्री पाठक ने जेल में बंद ऑटो चालक लखन कुमार वर्मा और उसके साथी राहुल कुमार वर्मा को भादवि की धारा 302, 201 व 34 में दोषी करार दिया. अदालत ने कहा कि यह साबित होता है कि दोनों ने जान-बूझकर जज उत्तम आनंद की हत्या की. अदालत सजा की बिंदु पर छह अगस्त को फैसला सुनायेगी.
उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई, 2021 को न्यायाधीश उत्तम आनंद घर से सुबह पांच बजे मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. इस दौरान धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गयी. गुरुवार को फैसला सुनाये जाने के वक्त अदालत खचाखच भरी थी.
न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने 40 मिनट तक निर्णय को पढ़ कर सुनाया. इस दौरान अभियोजन पक्ष से सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक अमित जिंदल व बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार विमलेंदु भी अदालत में मौजूद थे. बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार विमलेंदु ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. वह इस निर्णय के खिलाफ झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती देंगे.
कोर्ट ने कहा : हर हत्याकांड में मोटिव या इंटेंशन होना जरूरी नहीं :
विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने कहा, ‘हर हत्याकांड में कोई मोटिव या इंटेंशन हाे, यह जरूरी नहीं. यदि अभियुक्त यह जानता है कि उसके कार्य से किसी की मौत हो सकती है तो फिर इंटेंशन की जरूरत नहीं है. यह स्पष्ट है कि ऑटो से टक्कर मारी गयी और उत्तम आनंद की मौत हुई. रणधीर वर्मा चौक के सीसीटीवी फुटेज से यह स्पष्ट होता है और मैं पाता हूं कि ऑटो रिक्शा के सामने की सीट पर दो लोग बैठे थे.
जज उत्तम आनंद को टक्कर मारने से पहले वह दो बार जजेज कॉलोनी की ओर गये थे. तीसरी बार पांच बजकर आठ मिनट 22 सेकंड पर ऑटो काफी तेजी से आता है, जिससे उत्तम आनंद को टक्कर लगी और उनकी मौत हो गयी. धक्का लगने की वजह से जज साहब के सिर में गंभीर चोट लगी थी, जो मृत्यु के लिए पर्याप्त थी. सभी डॉक्टरों के बयान और फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हुई है. तीन चश्मदीद गवाहों ने ऑटो को जज को धक्का मारते देखा था.’
28 जुलाई, 2021 को धनबाद शहर के रणधीर वर्मा चौक के पास घटी थी घटना
सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो को जान-बूझकर धक्का मारते देखने के बाद फैल गयी थी सनसनी
पुलिस ने 28 जुलाई की रात आरोपी चालक लखन वर्मा को गिरिडीह और उसके साथी राहुल वर्मा को धनबाद स्टेशन से किया गिरफ्तार
तीन अगस्त, 2021 को हाइकोर्ट ने एसआइटी जांच पर असंतोष जताते हुए सीबीआइ जांच के आदेश दिये. चार अगस्त को सीबीआइ ने दर्ज किया केस
20 अक्तूबर, 2021 को अदालत में 169 गवाहों के दर्ज बयान के साथ चार्जशीट दायर
दो फरवरी, 2022 को दोनों आरोपियों के विरुद्ध आरोप गठित कर केस का विचारण शुरू
केस विचारण के दौरान हुआ 58 गवाहों का मुख्य परीक्षण
सीबीआइ के वकील बोले फांसी देने की करेंगे मांग
सीबीआइ के विशेष अभियोजक अमित जिंदल ने कोर्ट के बाहर पत्रकारों से कहा कि अदालत द्वारा सुनाये गये निर्णय से वह संतुष्ट हैं. अदालत का अच्छा फैसला आया है. सजा की बिंदु पर सुनवाई के दिन वह अदालत से दोनों मुजरिमों को फांसी की सजा देने की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों ने देश की न्यायपालिका पर हमला किया है.
Posted By: Sameer Oraon