Loading election data...

धनबाद जज मौत मामले में हाईकोर्ट ने CBI को लगायी फटकार, जांच रिपोर्ट देखकर कहा- अब आप थक गये हैं

झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद जज मौत मामले को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने सीधे तौर पर कहा है कि इसमें हत्या की बड़ी साजिश है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट देख ऐसा लगता है कि आप थक गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2022 7:22 AM

धनबाद : हाइकोर्ट ने आरोपियों की नारको जांच की रिपोर्ट देख कर सीबीआइ की नयी कहानी सिरे से खारिज कर दी. झारखंड हाइकोर्ट के जज शुक्रवार को जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज पीआइएल पर सुनवाई कर रहे थे. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि जज की हत्या के पीछे मोबाइल छीनने का कोई मामला नहीं है, बल्कि यह हत्या का मामला है.

हत्या के पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है, जिस तक सीबीआइ अब तक नहीं पहुंच पायी है. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से उपस्थित एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया एसबी राजू से कई सवाल पूछे, जिसका संतोषजनक जवाब नहीं मिला.

लगता है कि सीबीआइ थक गयी :

खंडपीठ ने कहा कि अब तक की जांच को देखकर ऐसा लगता है कि सीबीआइ इस मामले से थक गयी है. अपना पीछा छुड़ाने के लिए नयी कहानी बना रही है, जिसमें कोई सत्यता नहीं है. खंडपीठ ने कहा कि जहां यह घटना हुई थी, वह कोयला क्षेत्र है. गैंगवार की घटनाएं होती हैं. झारखंड उग्रवाद प्रभावित राज्य रहा है, इसके बावजूद कभी भी न्यायिक पदाधिकारियों पर कोई आंच नहीं आयी है. यह पहली बार है, जब झारखंड के इतिहास में जज की हत्या की गयी है.

सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले में स्वत: संज्ञान लिया है और जांच की मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी झारखंड हाइकोर्ट को दी है. सीबीआइ की जांच में प्रोफेशनल मैनर्स नहीं दिख रहा है. खंडपीठ ने सीबीआइ से पूछा कि जब मामले में आरोपियों की ब्रेन मैपिंग व नारको टेस्ट पहले हो चुकी थी, तो चार माह बाद फिर से दोबारा नारको टेस्ट और ब्रेन मैपिंग क्यों करायी गयी?

यह कोई बड़ा षड्यंत्र

नारको टेस्ट में आरोपी राहुल ने कहा कि लखन टेंपो चला रहा था. वह उसकी बायीं ओर बैठा था. जज साहब धीरे-धीरे भाग रहे थे. उनके हाथ में सफेद रंग का रुमाल था. बायीं तरफ से लखन ने उन्हें ऑटो से टक्कर मारी. खंडपीठ ने रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि जज के हाथ में रुमाल था. कोई मोबाइल नहीं था. मोबाइल के लिए टक्कर नहीं मारी गयी है. इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है.

Posted : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version