धनबाद भूमि घोटाला : CID जांच शुरू, गृह विभाग ने एडीजी को लिखा था पत्र, ये बड़े अधिकारी जांच के घेरे में
धनबाद के कई अंचलों में हुए भूमि घोटाले की सीआइडी जांच शुरू हो गयी है, गृह मंत्रालय ने सीआइडी एडीजी को पूरे मामले की जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है. सीएम हेमंत सोरेन ने पहले ही इसकी इजाजत दे दी थी. मामला सामने आने के बाद साल 2020 में तत्कालीन डीसी उमाशंकर सिंह ने प्रशासनिक जांच करायी थी.
Jharkhand News, Dhanbad News धनबाद : धनबाद के कई अंचलों में हुए भूमि घोटाले की सीआइडी ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. राज्य के गृह मंत्रालय ने सीआइडी के एडीजी को तत्काल पूरे मामले की जांच करा कर रिपोर्ट देने को कहा है. गृह विभाग के अवर सचिव विजय कुमार सिंह ने सीआइडी के एडीजी को इस बाबत पत्र भेजा था.
इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपनी सहमति दी थी. दरअसल, धनबाद के तीन अंचलों धनबाद, बलियापुर, बाघमारा में सरकारी व सीएनटी भूमि की बिक्री का मामला सामने आने पर वर्ष 2020 में तत्कालीन डीसी उमाशंकर सिंह ने प्रशासनिक जांच करायी थी.
जांच में प्रथमदृष्टतया मामला सही पाये जाने के बाद डीसी ने भू-राजस्व विभाग के सचिव को मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने तथा अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी. भू-राजस्व विभाग के सचिव ने पूरे मामले की सीआइडी से जांच कराने की अनुशंसा गृह मंत्रालय से की थी.
अधिकारियों एवं कर्मियों की भूमिका की आंतरिक जांच :
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जिनके पास गृह तथा भू-राजस्व मंत्रालय का भी प्रभार है, ने भूमि घोटाला के सीआइडी जांच संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके बाद राज्य के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने जांच संबंधी आदेश जारी किया. सूत्रों के अनुसार, सीआइडी ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. सीआइडी अधिकारियों एवं कर्मियों की भूमिका की आंतरिक जांच करा रही है.
किस-किस अधिकारी की भूमिका जांच
जानकार बताते हैं कि धनबाद भूमि घोटाला में धनबाद के सीओ प्रशांत लायक, पूर्व सीओ प्रकाश कुमार, गोविंदपुर के पूर्व सीओ अनिल कुमार, वंदना भारती, बाघमारा के सीओ राजेश कुमार, पूर्व सीओ प्रमोद कुमार, बलियापुर के पूर्व सीओ मो असलम, आशुतोष कुमार, पूर्व अवर निबंधक संतोष कुमार, गोविंदपुर के पूर्व अवर निबंधक मिहिर कुमार के अलावा कई प्रधान सहायक, सहायक, राजस्व कर्मियों की भूमिका की जांच हो रही है.
25 अधिकारियों, कर्मियों पर है आरोप :
इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता रमेश राही ने भू-राजस्व सचिव, उपायुक्त को शिकायत की थी. शिकायत के आलोक में कुछ डीड की औचक जांच करायी गयी. मामला सही पकड़ में आने के बाद 25 अधिकारियों एवं कर्मियों को शो-कॉज किया गया. इसमें से कुछ कर्मी रिटायर्ड हो चुके हैं. अधिकारियों में भी अधिकांशत: का तबादला धनबाद जिले से बाहर हो चुका है.
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आठ अंचल अधिकारियों की भूमिका पर उठा था सवाल
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धनबाद, गोविंदपुर, बाघमारा में गैर आबाद, खास, सीएनटी खाते की जमीन बेचने का आरोप
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वर्ष 2020 में तत्कालीन डीसी उमाशंकर सिंह ने करायी थी जांच
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तीन अंचलों में प्रशासनिक जांच में पायी गयी थी गड़बड़ी
जानें भूमि घोटाला के बारे में
धनबाद जिला के कई अंचलों खासकर धनबाद, गोविंदपुर, बाघमारा में बड़े पैमाने पर गैर आबाद, खास, सीएनटी खातों की जमीन की न केवल बिक्री हुई. बल्कि इन भू-खंडों का अलग-अलग डीड के जरिये रजिस्ट्री की गयी. कुछ भू-खंडों का दाखिल-खारिज भी हो गया. कुछ जमीन का खाता, प्लॉट नंबर भी बदल दिया गया. कई अंचलों में आदिवासी खाता की जमीनों में भी गड़बड़झाला हुआ.
रिपोर्ट – संजीव झा