Dhanbad Nagar Nigam News: नगर निगम में होल्डिंग टैक्स की वसूली में गड़बड़ी के मामले सामने आये हैं. लाखों रुपये बकाया टैक्स के बदले कुछ हजार लेकर मामले का सेटलमेंट किया जा रहा है. ऐसे तीन मामलों का खुलासा हुआ है. तीनों कंज्यूमर पर लाखों का होल्डिंग टैक्स बकाया था. उस टैक्स को हजारों में एडजस्ट कर नगर निगम के राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया.
चार साल का है मामला
इस खेल में कंज्यूमर के साथ-साथ नगर निगम व एजेंसी के कर्मचारी की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है. मामला 2018 से लेकर 2022 तक का है. याद रहे कि नगर निगम में 75 हजार होल्डिंग धारक हैं. इनमें से 43 हजार ही टैक्स का भुगतान कर रहे हैं. 19 हजार फर्जी होल्डिंग की जांच करने सूडा रांची से टीम शनिवार को आयी और कतरास क्षेत्र में कई कंज्यूमर की होल्डिंग, वाटर व जियो टैगिंग की जांच की. जियो टैगिंग में भी भारी पैमाने पर गड़बड़ी के संकेत मिले हैं. मसलन तीन हजार वर्गफीट के मकान को एक हजार वर्गफीट का दिखा असेसमेंट कर टैक्स चोरी का मामला सामने आया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
कार्यपालक पदाधिकारी मो अनीश ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है. अगर डिमांड से कम पेमेंट लिया गया है, तो निश्चित रूप से गड़बड़ी की गयी है. राजस्व के साथ छेड़छाड़ मामले की जांच करायी जायेगी. जो भी दोषी होंगे, उनपर सख्त कार्रवाई की जायेगी.
केस स्टडी से समझिए पूरा मामला
केस वन : कतरास के राजगंज रोड में मॉडल कोक इंडस्ट्रीज है. इसे चार दिसंबर 2020 को 395823.84 रुपये का भुगतान सात दिनों के अंदर करने को कहा गया. छह माह बाद जो टैक्स बकाया था, उसका सेटलमेंट मात्र 36288 रुपये जमा लेकर कर दिया गया. किसी तरह की पैनाल्टी तक चार्ज नहीं की गयी. अप्रैल 2021-22 तक पूरा टैक्स भी पेड दिखाया गया.
केस टू : बरटांड़ स्थित जयप्रकाश चौरसिया का होटल है. नौ अक्टूबर 2020 को 183490 लाख जमा करने का नोटिस दिया गया. 17 जनवरी, 2022 को 183490 रुपये के डिमांड नोटिस के आलोक में 9600 रुपये का टैक्स जमा लिया गया. लगभग एक लाख 75 हजार रुपये नगर निगम को राजस्व का नुकसान हुआ.
केस थ्री : पंडित क्लिनिक रोड में विजय कुमार शर्मा रहते हैं. 2017-2018 से 2022-2023 तक 126646 रुपये बकाया होल्डिंग टैक्स के लिए नोटिस दिया गया. 43610 रुपये पेनाल्टी भी लगायी गयी. 168158 रुपये का डिमांड जेनेरेट कर विजय कुमार शर्मा को नोटिस दिया गया. 30 जून 2022 को कंज्यूमर से 43517 रुयये टैक्स जमा कर सेटलमेंट कर लिया गया. नगर निगम को एक लाख 25 हजार रुपये राजस्व का नुकसान हुआ.