धनबाद : पूर्वी टुंडी में सांप के काटने से बच्चे की मौत, चमत्कार की आस में सुबह से शाम तक भटकते रहे मां-बाप
पूर्वी टुंडी में 10 साल के बच्चे की सांप के काटने से मौत हो गई. घटना के समय बच्चे के माता-पिता घर पर नहीं थे. वे मजदूरी करने के लिए पास के गांव गए हुए थे. जब तक वे लौटे काफी देर हो चुकी थी, फिर भी उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी. डॉक्टरों के जवाब देने के बाद वे चमत्कार की आस में सुबस से शाम तक भटकते रहे.
धनबाद, भागवत. जिला के पूर्वी टुंडी प्रखंड क्षेत्र में सर्पदंश से 10 साल के बच्चे की मौत हो गई. घटना प्रखंड क्षेत्र के रघुनाथपुर पंचायत अंतर्गत बारकेतनी गांव की है, जहां रविवार को 10 साल के संजय सोरेन की सांप काटने से मौत हो गई. घटना के बारे में बताया जा रहा है कि संजय सोरेन सुबह लगभग 10 बजे अपने कुछ साथियों के साथ खेतों की ओर गया था. उसी क्रम में खेत में ही चूहे पकड़ने के प्रयास में उसने सांप के बिल में हाथ घुसा दिया. इस दौरान किसी जहरीले सांप ने संजय को डस लिया, जिसके बाद संजय वहीं बेहोश होकर गिर पड़ा.
मजदूरी करने के लिए पास के गांव गए थे माता-पिता
घटना के बाद बाकी साथी बच्चे घटनास्थल से भागकर गांव पहुंचे और गांव के लोगों को घटना की जानकारी दी. इधर, घायल युवक के माता-पिता मजदूरी करने के लिए पास के ही गांव मैरानवाटांड़ गए हुए थे. घटना की सूचना पर जब तक माता-पिता घर पहुंचे, तब तक काफी देर हो गई. कुछ ग्रामीणों का कहना है कि बच्चे की मौत घटनास्थल पर ही हो चुकी थी, फिर भी उसके माता-पिता और गांव के कुछ ग्रामीण बच्चे को इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच अस्पताल धनबाद लेकर गए, जहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया. जिसके बाद परिजन बच्चे के शव को वापस गांव लेकर आए और किसी चमत्कार की उम्मीद लिए झांडफूंक के लिए शव को जामताड़ा मिहिजाम लेकर गये जहां ओझा गुणी ने भी जवाब दे दिया, परिजनों ने फिर भी उम्मीद नहीं छोड़ी.
नहीं हुआ कोई चमत्कार, शाम तक भटकते रहे परिजन
रविवार शाम को फिर बच्चे के माता पिता गोविंदपुर थाना क्षेत्र के किसी ओझा गुणी के पास लेकर गये लेकिन फिर भी कोई चमत्कार नहीं हुआ. अंत में थक हार कर परिजन घर वापस लौट आए और सोमवार सुबह बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पूर्वी टुंडी प्रखंड विकास पदाधिकारी यास्मिता सिंह ने बताया कि सांप काटने की घटना पर आपदा प्रबंधन कोष से मृतक के स्वजनों को चार लाख रुपए मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन उसके लिए शव का पोस्टमार्टम होना आवश्यक है.
मालूम हो कि मानसून आते ही सर्पदंश का खतरा बढ़ जाता है. बारिश के कारण राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सांपों का आतंक (snakebite) बढ़ गया है. ऐसे में सर्पदंश से बचने के लिए कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं.
आइए जानते हैं कि सांप काट ले तो क्या करना चाहिए-
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किसी भी प्रकार के सांप काटने पर आप घबराएं नहीं, शांत रहें
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शरीर के जिस जगह पर सांप ने काटा है, उस हिस्से को हिलाए डुलाए नहीं और उसे एंटी वेनम लगवाएं
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पीड़ित के शरीर पर कोई भी कसाव वाली वस्तु न रहने दें (जैसे बेल्ट, जूते की लेस) न बंधे रहने दे, इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है.
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पीड़ित को जितनी जल्दी हो सके, पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं व डॉक्टरी उपचार करवाएं
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ओझा या तांत्रिक के पास जाकर झाड़ फूंक नहीं करवायें
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काटे गए हिस्स पर ब्लेड या धारीदार वस्तु न लगाए
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पीड़ित को ज्यादा चलने न दें, और उसे किसी वाहन व व्हीलचेयर या स्ट्रेचर की सहायता से स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं
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कोबरा या करैत सांप के काटने पर पीड़ित को सोने न दें, सोने पर रक्त का प्रवाह तेजी से बढ़ता है.
बरतें ये सावधानियां-
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घरों के आस-पास साफ-सफाई रखें, कोई कबाड़ न होने दें.
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घरों में चूहे के बिलों को बंद करके रखें
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पानी निकासी के मार्गों पर बारीक जाली लगाएं.
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घरों में किसी बेला या पेड़ से लटकी हुई डाल को न रहने दें.
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तंग जगह या बिल में हाथ न डालें.
दरअसल, बारिश से बिलों में पानी भर जाने के कारण सांप सूखे स्थान की तलाश में खेतों से निकल कर घरों में प्रवेश करने लगते हैं, लोकिन घरों में हलचल होते रहते हैं और बारिश से बचने के लिए शरण लिए सांप आक्रमक हो जाते हैं, इसलिए कोई भी उनके सामने आता है तो वो आक्रमण कर देते हैं. बता दें कि सांप की 150 से ज्यादा प्रजाति होती है. इसमें चार-पांच प्रजाति के सांप ही जहरीले होते हैं. जिनके काटने से लोगों की मौत हो जाती है. इन जहरीले सांपों में कोबरा, करैत, रसल्स वाइपर और शॉ स्केल्ड वाइपर शामिल हैं. इनके काटने से मौत हो सकती है. विशेषज्ञ बताते हैं कि इसमें सबसे ज्यादा घातक जहर कोबरा सांप का होता है. जिसमें समय पर इलाज न मिलने से तीन घंटे में मौत हो जाती है.
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