धनबाद : इसके पूर्व संजीव सिंह की जमानत अर्जी निचली अदालत से तीन बार व झारखंड उच्च न्यायालय से दो बार खारिज हो चुकी है. जमानत अर्जी पर दलील देते हुए अधिवक्ता मो जावेद ने कहा कि संजीव सिंह सात प्रकार की बीमारियों, मानसिक अस्वस्थता, हृदय रोग व पक्षाघात के लक्षण के अलावा भूल जाने, डिमेंशिया व अन्य प्रकार के रोगों से ग्रसित हैं. उनका इलाज धनबाद और रांची के रिम्स में नहीं हो पा रहा है. तबीयत काफी खराब होने के कारण 11 जुलाई 2023 को संजीव सिंह को जेल प्रशासन ने एसएनएमएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया था. इसके बाद मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें 11 अगस्त 2023 को रिम्स में भर्ती कराया गया. रिम्स के आठ सदस्यीय बोर्ड ने 14 अगस्त 2023 को बेहतर इलाज के लिए उन्हें एम्स भेजने की अनुशंसा की थी. इसके आलोक में अदालत ने जेल प्रशासन को उचित प्रबंध करने का निर्देश दिया था. बावजूद इसके अब तक संजीव सिंह को इलाज के लिए दिल्ली नहीं भेजा गया है. फलत: उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. वह बेड से भी नहीं उठ पा रहे हैं. लिहाजा उन्हें अपने खर्चे पर भारत के किसी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए.
दूसरी ओर एपीपी समित प्रकाश ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया. अदालत में सुनवाई के दौरान सूचक अभिषेक सिंह की ओर से अदालत में आवेदन दायर कर कहा गया कि उन्होंने निचली अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इसमें पिंटू सिंह उर्फ जैनेंद्र सिंह के मुकदमे की सुनवाई अन्य अभियुक्तों से अलग कर दी गयी है. दूसरी ओर बचाव पक्ष के पिंटू सिंह उर्फ जैनेंद्र सिंह के अधिवक्ता जया कुमार ने प्रति उतर दाखिल कर अदालत को बताया कि झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में निचली अदालत ने आदेश पारित कर पिंटू सिंह की मुकदमे की सुनवाई अलग की थी. इसी मामले में जेल में बंद धनजी सिंह, विनोद कुमार सिंह, संजय सिंह, पंकज कुमार सिंह की ओर से मुकदमे की सुनवाई अलग करने से संबंधित आवेदन पर भी बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार मनीष व साधन राय ने बहस की. अदालत ने उपरोक्त याचिका पर सुनवाई के लिए 30 नवंबर 2023 की तारीख तय की है.