Dhanbad News : नीरज सिंह हत्याकांड के शूटरों से पूर्व आइओ को जान का खतरा

नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद शूटरों से केस के पूर्व अनुसंधानकर्ता व तत्कालीन सरायढेला थाना प्रभारी निरंजन तिवारी की जान काे खतरा है. जेल में बंद शूटर निरंजन तिवारी का अपहरण कर जान से मारने की याेजना बना रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 6, 2020 10:38 AM

नीरज अंबष्ट, धनबाद : नीरज सिंह हत्याकांड (Niraj singh murder case) में जेल में बंद शूटरों से केस के पूर्व अनुसंधानकर्ता व तत्कालीन सरायढेला थाना प्रभारी निरंजन तिवारी की जान काे खतरा है. जेल (Jail) में बंद शूटर निरंजन तिवारी का अपहरण कर जान से मारने की याेजना बना रहे हैं. इसकी सूचना मिलने के बाद निरंजन तिवारी डरे हुए हैं और इसकी शिकायत सरायढेला थाना में की है. फिलहाल निरंजन तिवारी चाईबासा टाउन थाना प्रभारी के पद पर पदस्थापित है. शिकायत के बाद धनबाद पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई कर रही है और मामले की गुपचुप तरीके से जांच कर रही है.

आनन-फानन में बनाये गये थे थाना प्रभारी : 21 मार्च, 2017 को नीरज सिंह, अशोक यादव, मुन्ना तिवारी व ड्राइवर घपलू की स्टील गेट के पास गोलियों से भून कर हत्या कर दी गयी थी. हत्या के बाद निरंजन तिवारी को आनन-फानन में सरायढेला थाना प्रभारी बनाया गया और उन्हें पूरे केस का अनुसंधानकर्ता बनाया गया. सरायढेला थाना में कांड संख्या 48-17 दर्ज किया गया.

अनुसंधान के दौरान मुन्ना बजरंगी गिरोह द्वारा हत्या किये जाने की जानकारी पुलिस को मिली और उसके बाद निरंजन तिवारी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से शूटरों को गिरफ्तार किया. अमन सिंह को मिर्जापुर जेल से, कुर्बान अली उर्फ सोनू को यूपी कैंट स्टेशन से, विजय सिंह उर्फ सागर उर्फ शिबू को प्रतापगढ़ से व चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश व पंकज सिंह को यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार कर धनबाद पुलिस को रिमांड पर दिया था.

इसमें आइओ होने के कारण सभी शूटरों को लाने के साथ-साथ पूछताछ की जिम्मेवारी भी तिवारी पर थी. इस पूरी घटना में कई आरोपियों को रिमांड पर भी लेकर पूछताछ की गयी और उसी समय से यह शूटरों की नजर पर चढ़ गये.

धनबाद आना-जाना लगा रहता है : नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या के पहले आइओ होने के साथ ही वह जिले में कई कांडों के अनुसंधानकर्ता भी रहे हैं. इसलिए उन्हें आये दिन कोर्ट में किसी न किसी काम से आना होता है. इसलिए निरंजन तिवारी ने अपने आवेदन के माध्यम से बताया कि नीरज सिंह हत्याकांड के अनुसंधान के दौरान पकड़े गये अपराधी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंग के सदस्य हैं और पेशेवर अपराधी हैं. इन लोगों को कांड में गिरफ्तार कर धनबाद लाया था और उसी कारण वे बदला लेने के लिए इस तरह का काम कर सकते हैं.

जेल में रची जा रही है साजिश : सरायढेला थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी निरंजन तिवारी कुछ दिन पहले सरायढेला थाना में मालखाना का प्रभार देने आये थे. मालखाना का प्रभार देने के बाद धनबाद के कई स्पाई ने उनसे संपर्क किया और बताया कि नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद शूटर अमन तिवारी, कुर्बान अली उर्फ सोनू, विजय सिंह उर्फ सागर उर्फ शिबू, चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश व अन्य निरंजन तिवारी का अपहरण कर हत्या करने की बात कर रहे थे.

निरंजन तिवारी ने इस बारे में तुरंत सरायढेला थाना में लिखित शिकायत की. पुलिस ने उनके आवेदन पर जांच शुरू कर दी है. निरंजन तिवारी इसके पहले नीरज सिंह हत्याकांड के अनुसंधानकर्ता थे और इस मामले में पकड़े गये शूटरों को यूपी पुलिस से रिमांड पर लेकर धनबाद आये थे.

Posted by : pritish sahay

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