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धनबाद Rail DSP साजिद जफर ने पोस्टिंग के लिए फेसबुक पर लगायी गुहार, लिखा- फील्ड में काम करने का मिले मौका

jharkhand news: धनबाद रेल डीएसपी साजिद जफर ने फेसबुक पर सरकार से पोस्टिंग की गुहार लगायी है. लिखा कि 4 साल से नन फील्ड में हूं, फील्ड में काम करने का माैका मिले. इस पोस्ट को लेकर जिले के पुलिस महकमे में तरह-तरह की चर्चा भी शुरू हो गयी, वहीं कई लोगों ने प्रतिक्रियाएं भी दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2022 8:11 PM

Jharkhand news: धनबाद रेल जिला पुलिस बल में तैनात डीएसपी साजिद जफर ने सोशल साइट फेसबुक पर सरकार से पोस्टिंग की गुहार लगायी है. उन्हाेंने कहा कि 4 साल से नन फील्ड में हूं. फील्ड में काम करने का माैका दें. डीएसपी के पोस्ट पर कई लोगों ने प्रतिक्रियाएं भी दीं. कई लोगों ने पोस्टिंग की वकालत की. इस मामले को लेकर धनबाद के पुलिस महकमे में तरह-तरह की चर्चा हो रही है.

SRP का पोस्ट खाली

धनबाद रेल जिला पुलिस बल में अभी एसआरपी का पोस्ट खाली है और जैप थ्री के कमांडेंट आलोक प्रियदर्शी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. श्री जफर के अलावा डीएसपी वन संजीव कुमार बेसरा हैं. वह भी पिछले तीन साल से ज्यादा समय से रेल डीएसपी के पद पर हैं.

क्या लिखा है फेसबुक पर

सोशल मीडिया पर डीएसपी साजिद जफर ने लिखा कि 27 अगस्त, 2018 से रेल डीएसपी के रूप में यहां पदस्थापित हूं. यह नन फील्ड पोस्टिंग है. मैं इंतजार कर रहा हूं एसडीपीओ (फील्ड पोस्टिंग) के रूप में काम करने का मौका मिले, ताकि मेरी ताकत और मेरी कमजोरी का पता चल सके. आशा है कि झारखंड की वर्तमान सरकार अपने कार्यकाल में मुझे जिम्मेदारी निभाने का मौका देगी. जय हिंद..

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कई लोगों ने दी प्रतिक्रिया

साजिद जफर के पोस्ट पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. कुछ लोगों ने साहेबगंज आने का आग्रह किया है, तो कुछ ने कहा : जिसकी सेटिंग होती है, उसी की पोस्टिंग होती है. सरकार इस पर संज्ञान ले. कछ लोगों ने तो साजिद जफर को ईमानदारी का सर्टिफिकेट भी दिया. सरकारी सिस्टम पर भी सवाल उठाये गये.

सीनियर अधिकारी को बताना चाहिए

राज्य के एक सीनियर आइपीएस अधिकारी के अनुसार, डीएसपी की पोस्टिंग 3 साल में दूसरे स्थान पर कर दी जाती है, इसका कोई स्पष्ट नियम नहीं है. यदि कोई अधिकारी तीन साल या उससे ज्यादा समय से नक्सल या नन फील्ड क्षेत्र में पदस्थापित हैं, तो उसे सोशल मीडिया पर अपनी बाते डालने से अच्छा है कि एक बार वरीय अधिकारियों के पास अपना प्रजेंटेंशन दें और अपनी बातों को रखे.

रिपोर्ट : नीरज अंबष्ट, धनबाद.

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