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सिंफर के वैज्ञानिक की आत्महत्या से हर कोई स्तब्ध, लेमिनेटेड सुसाइड नोट में थी संपत्ति की पूरी जानकारी

गोरा दा तुमि हठात कोरे केनो चोले गेले...सिंफर के रिटायर वरिष्ठ वैज्ञानिक अभिजीत कुमार विश्वास के आत्महत्या से हर कोई स्तब्ध है. वैज्ञानिक ने बैंक एकाउंट व संपत्ति की पूरी जानकारी लिख कर आत्महत्या की. मामले में यूडी केस दर्ज किया गया है, जांच चल रही है.

परिजन निशब्द हैं, तो मुहल्ले वाले विस्मित. दोस्त आश्चर्यचकित. किसी के लिए सहज विश्वास कर पाना मुश्किल है कि उन सब के चहेते गोरा दा (अभिजीत कुमार विश्वास) अब उनके बीच नहीं रहे. सबका एक ही सवाल गोरा दा तुमि हठात कोरे केनो चोलो गेले, आर विश्वास कोरते पारछी न दादा सोत्ति (गोरा दा आप अचानक क्यूं चले गए, विश्वास नहीं कर पा रहे हैं). किसी के समझ में कुछ नहीं आ रहा है. सबकी मदद के लिए हमेशा खडे़ रहनेवाले हंसमुख जिंदादिल इंसान के भीतर आखिर कौन सा गम पल रहा था. किस बात से दुखी थे कि अचानक जीवन की इहलीला इस तरह समाप्त करनी पड़ी. परिजनों का कहना है कभी कुछ नहीं बताया कि वह परेशान हैं. अपने परिवार से बेहद प्यार करते थे. सुबह सभी के साथ हंसी खुशी नाश्ता साथ में किया. फिर ऐसा क्या हुआ कि किसी को कुछ बोले बगैर पैदल बाहर निकल गये. दोपहर के खाने के वक्त जब परिजन बैठे, तो गोरा दा के तीसरे नंबर के भाई संजय विश्वास के पास लखनऊ से उनके दामाद राजेंद्र गुप्ता का फोन आया कि किसी अनजाने नंबर से उनके पास कॉल आया है, जो बता रहा है कि बरमसिया में एक डेड बॉडी मिली है, उनके पास यह नंबर मिला है, इस लिए कॉल किया गया है. राजेंद्र ने इसकी सूचना धनबाद में परिजनों को दी. जब उन्हें ढूंढा गया, तो वह घर में नहीं मिले. उनकी स्कूटी घर में ही थी. किसी अनहोनी से परिजन कांप गये. उनके भाई संबंधियों के साथ रेलवे थाना पहुंचे. यहां वही दृश्य दिखा, जिसकी कल्पना से भी सब डर रहे थे. गोरा दा (बाबू) हमेशा के लिए खामोश हो चुके थे. गोरा दा अपने पीछे सवाल छोड़ गये हैं कि भरा पूरा परिवार, सुख सुविधा की कोई कमी नहीं, फिर ऐसी क्या वजह थी कि उन्होंने जिंदगी को छोड़ मौत को गले लगा लिया.

संपत्ति की पूरी जानकारी लिख कर की आत्महत्या

हीरापुर दुर्गा मंदिर के समीप स्थित भुवन संध्या अपार्टमेंट के बी-3 में रहने वाले सिंफर के रिटायर्ड वैज्ञानिक अभिजीत कुमार विश्वास की आत्महत्या के मामले में रेल पुलिस यूडी केस दर्ज कर लिया है. अभिजीत की जेब से मिले कागजात भी जब्त किये गये हैं. सूत्रों के अनुसार शव के पास से आधार कार्ड, पैन कार्ड, सिंफर का आइडी कार्ड, भाइयों का आधार कार्ड, लेमिनेशन किया एक पेपर, जिसमें सभी बैंक एकाउंट की जानकारी, संपत्ति का पूरा विवरण था. साथ ही परिजनों का मोबाइल नंबर लिखा हुआ था. उसमें एक नोट भी मिला है. रेल पुलिस जब्त कागजातों की जांच कर रही है. रेल पुलिस संपत्ति विवाद समेत अन्य बिंदुओं पर भी जांच कर रही है. पता लगा रही है कि घटना के दिन अभिजीत के मोबाइल पर किसका फोन आया था और क्या बात हुई थी.

नम आंखों से लोगों ने दी विदाई

दूसरी तरफ, दिवंगत वैज्ञानिक अभिजीत विश्वास को परिजनों एवं शुभचिंतकों ने नम आंखों से विदाई दी. तेलीपाड़ा शमशान घाट पर पुत्री अमोना विश्वास तथा छोटे भाई के पुत्र संदीपन ने मुखाग्नि दी. इस दौरान बंगाली समाज व सिंफर के कई रिटायर्ड व वर्तमान अधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे.

बेटी ने दी मां को हादसे की जानकारी

स्व. अभिजीत कुमार विश्वास को उनके पति के निधन की जानकारी उनकी बेटी ने चार बजे दी. उससे पहली बार पूछने पर बताया कि कि उन्हें डिहाइड्रेशन हो गया है. हॉस्पिटल में हैं स्लाइन चढायी जा रही है. उनकी बेटी अनमोना गुप्ता मंगलवार की सुबह शताब्दी से दिल्ली से धनबाद पहुंचीं. दामाद राजेंद्र गुप्ता छह बजे तक धनबाद नहीं पहुंच पाये थे. छह बजे अनकी अंतिम यात्रा घर से निकाली गयी. गोरा दा का नाती जसीत व नतिनी विदिशा भाव शून्य होकर जानने की कोशिश कर रहे थे आखिर हुआ क्या. अंतिम यात्रा निकालने से पहले उनकी पत्नी को अंतिम दर्शन कराया गया. तेलीपाड़ा में उनका अंतिम संस्कार किया गया. बेटी रोशनी (अनमोना) व छोटे भाई का पुत्र संदीप ने मुखाग्नि दी. मुखाग्नि से पहले उनके दामाद घाट पहुंच गये थे.

मार्च 1982 में बेटी को लिया था गोद

शादी के कई साल बाद भी गोरा दा की कोई संतान नहीं हुई थी. उन्होंने अपने साले से बेटी को मार्च 1982 में गोद लिया था. बेटी ने गैर बंगाली लड़के से प्रेम विवाह किया था. दिल्ली में एक्टिविटी सेंटर चलाती है. दामाद लखनऊ में मेडिकल फील्ड में कार्यरत हैं. महीना-पंद्रह दिन में दिल्ली आना जाना होता है. माता पिता दोनों के जॉब करने से बच्चों को सही परवरिश नहीं मिल पा रही थी. दोनों बच्चों की परवरिश अच्छे से हो, इसलिए फरवरी 2023 में गोरा दा दोनों बच्चों को यहां लाकर गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल में नामांकन कराया था. बच्चों के आने से काफी खुश थे.

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