धनबाद के एसएनएमएमसीएच में अप्रैल में ही टेंडर समाप्त होने के बाद भी सफाई एजेंसी एक्सटेंशन पर कर रही कार्य
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) प्रबंधन अस्पताल में सफाई का कार्य कर रही एजेंसी कमांडो सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड पर मेहरबान है. सफाई कार्य की टेंडर अवधि समाप्त होने के बाद भी एजेंसी को एक्सटेंशन देकर कार्य कराया जा रहा है.
Shaheed Nirmal Mahato Medical College and Hospital Dhanbad: शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) प्रबंधन अस्पताल में सफाई का कार्य कर रही एजेंसी कमांडो सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड पर मेहरबान है. सफाई कार्य की टेंडर अवधि समाप्त होने के बाद भी एजेंसी को एक्सटेंशन देकर कार्य कराया जा रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि पूर्ववर्ती कंपनी वर्मा इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को अस्पताल में सफाई कार्य के लिए जहां 12 लाख रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाता था. वहीं वर्तमान में सफाई का कार्य कर रही एजेंसी कमांडो सिक्यूरिटी प्राइवेट लिमिटेड को उसी कार्य के एवज में 18 माह से 23 लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा है. लगभग दोगुनी राशि दी जा रही है. यानी अस्पताल की सफाई के लिये हर दिन लगभग 70 हजार रुपये खर्च किये जाते हैं.
अप्रैल में ही टेंडर हुआ खत्म
सफाई कार्य के लिए अप्रैल 2022 में सफाई एजेंसी का कार्य अवधि समाप्त होने के बाद भी प्रबंधन ने नये सिरे से सफाई एजेंसी का चयन करने के लिए टेंडर निकाला ही नहीं. जबकि, टेंडर अवधि खत्म होने के बाद प्रबंधन ने अगले आदेश तक एक्सटेंशन का ऑर्डर निकाल दिया. बता दें कि अस्पताल के इंडोर में लगभग छह लाख 75 हजार स्क्वैर फीट व आउटडोर के करीब 4 लाख 25 हजार स्क्वैर फीट एरिया में सफाई कार्य के एवज में एजेंसी को प्रतिमाह लगभग 23 लाख रुपये भुगतान किया जाता है.
वर्मा इंटरप्राइजेज को ब्लैक लिस्ट कर, दिया गया कमांडो सिक्योरिटी को ठेका
बता दें कि अस्पताल में पूर्व में काम कर रही वर्मा इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को साल 2021 के अप्रैल माह में ब्लैक लिस्ट कर दिया गया. स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर अस्पताल में सफाई का कार्य जांचने के लिए गठित कमेटी ने वर्मा इंटरप्राइजेज के द्वारा प्रस्तुत पेस्ट कंट्रोल के दस्तावेज को फर्जी बताते हुए उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया. इसको लेकर सरायढेला थाना में एक प्राथमिकी भी दर्ज हुई है. वही सेकेंड लोवेस्ट कमांडो सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड को अस्पताल के सफाई का कार्य सौंप दिया गया.
जानिए, सफाई एजेंसी को क्या-क्या करना है काम
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इसमें अस्पताल के वार्डों में दो वक्त नियमित रूप से झाडू और पोछा.
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पोछा के दौरान पर्याप्त मात्रा में फिनाइल का छिड़काव जरूरी.
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हर तीन से चार घंटों में शौचालय की सफाई
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मरीजों के बेड के समीप गमले में इकट्ठा होने वाला सूखे व गीले कचरों का हर दो घंटे में नियमित रूप से निष्पादन.
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अस्पताल के बाहर पूरे परिसर में दो वक्त सफाई व इकट्ठा कचरों का निष्पादन
अस्पताल की सफाई व्यवस्था औसत
एसएनएमएमसीएच में सफाई व्यवस्था औसत है. अस्पताल में गंदगी की बीमारी लाइलाज हो चुकी है. हालत यह है कि मंत्री और बड़े अधिकारियों के आने पर ही अस्पताल चक-चक हो जाता है. फिर सफाई की स्थिति सामान्य हो जाती है.
वर्तमान में सफाई की स्थिति
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एक वक्त झाडू और पोछा होता है, लेकिन कभी कभी-कभी ही फिनाइल का छिड़काव किया जा रहा है.
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मुश्किल से एक वक्त ही शौचालय की सफाई की जा रही है.
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मरीजों के बेड के समीप इकट्ठा होने वाला सूखा व गीला कचरे का निष्पादन समय पर नहीं हो रहा है.
ब्लैक लिस्ट करने का निर्णय हाइकोर्ट से निरस्त
पूर्व में अस्पताल में सफाई का कार्य कर रही एजेंसी वर्मा इंटरप्राइजेज को ब्लैक लिस्ट करने के बाद हाइकोर्ट गयी. मामले में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने आठ अगस्त 2022 को ब्लैक लिस्ट करने के प्रबंधन के आदेश को निरस्त कर दिया. वर्मा इंटरप्राइजेज के प्रतिनिधि के अनुसार न्यायालय से अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें ब्लैक लिस्ट करने के आदेश को निरसत करने की जानकारी प्रबंधन को मुहैया कराई गई. फिर भी उनकी कंपनी को दुबारा सफाई का कार्य नहीं सौंपा गया.
क्या कहते हैं अधीक्षक
वर्तमान में मैं अधीक्षक के पद पर प्रभार में हूं. सोमवार को अधीक्षक ज्वाइन करेंगे. एजेंसी के संबंध में मेरा बोलना उचित नहीं होगा. इस संबंध में वे ही जानकारी दे सकते हैं.
डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह, प्रभारी अधीक्षक, एसएनएमएमसीएच
रिपोर्ट : विक्की प्रसाद, धनबाद