सर्दी बढ़ने के साथ ही ट्रेनों की लेटलतीफी शुरू हो गयी है. एक ओर जहां ट्रेनों के रफ्तार निर्धारित कर दी गयी है वहीं घने कोहरे के दौरान पेट्रोल मैन से रेलवे ट्रैक की निगरानी करायी जा रही है. कोहरे के बाद भी ट्रेनों का परिचालन होता रहे इसके लिए धनबाद रेल मंडल को 720 फॉग सेफ डिवाइस मिले हैं. ट्रेनों के इंजनों में इसका उपयोग किया जा रहा है. रोजाना धनबाद रेल मंडल में कोहरा वाले क्षेत्र में जाने वाली ट्रेनें फॉग सेफ डिवाइस के साथ चल रही हैं.
जीपीएस से जुड़ा होता है डिवाइस
यह डिवाइस जीपीएस से जुड़ा होता है. लोको पायलट सिग्नल की जानकारी के लिए इसका उपयोग करते हैं. ट्रैक में रेल फाटक या रेलवे स्टेशन के नजदीक होने की जानकारी भी इस उपकरण से आसानी से मिल जाती है. इससे कोहरे के दौरान भी रेल यात्रा पहले से सुरक्षित हुई है. हालांकि इससे रफ्तार पर बहुत असर नहीं पड़ता है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से रेलवे की ओर से ट्रेनों की रफ्तार 75 किलोमीटर प्रति घंटे निर्धारित की गयी है.
क्या है फॉग सेफ डिवाइस
कोहरे के कारण लोको पायलट को सिग्नल समेत अन्य जानकारी नहीं मिल पाती है. इसके कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इसे देखते हुए फॉग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराया गया है. यह जीपीएस आधारित उपकरण है. इससे लोको पायलट को सिग्नल की चेतावनी मिलती है. सिग्नल की दूरी के अनुसार चालक ट्रेन की गति को नियंत्रित कर सकता है. इस उपकरण को ट्रेन के इंजन में लगाया जाता है. इससे चालक को सिग्नल के साथ ट्रैक पर भी किसी तरह के गतिरोध होने पर इसकी खबर पहले मिल जाती है. इसमें एक स्टेशन दूसरे स्टेशन की दूरी भी दिखती है. रेलवे फाटक होने या स्टेशन आने की जानकारी भी चालक को ट्रेन में ही मिल जाती है.
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