धनबाद : डिवाइडर से टकरा कर वाहन दुर्घटनाग्रस्त, पांच घायल
कमल कटेसरिया के पास आठ लेन सड़क में गुरुवार की रात सड़क दुर्घटना में एक कार में सवार पांच युवक घायल हो गये.
कमल कटेसरिया के पास आठ लेन सड़क में गुरुवार की रात सड़क दुर्घटना में एक कार में सवार पांच युवक घायल हो गये. इसमें से एक को गंभीर चोट आयी है. उसे इलाज के लिए असर्फी अस्पताल में ले जाया गया है. घायलों में अहसाल आलम, शैद अहमद, शाहीद अरमान मल्लिक, अतीफ व हमिद है. पांचों कलाली बगान भूली के रहने वाले हैं. घटना की सूचना मिलने के बाद ह्यूमैनिटी हेल्पिंग हैंड्स के संस्थापक सह केंद्रीय अध्यक्ष गौतम मंडल मौके पर पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी. घटना स्थल पर मौजूद लोगों की मानें तो कार डिवाइडर से टकरा कर उछलकर सड़क के किनारे पलट गयी. स्थानीय लोगों की मदद से युवकों को कार से बाहर निकाला गया. बताया जा रहा है कि सभी शादी समारोह में शामिल होने के बाद लौट रहे थे.
बिजली समस्या से त्रस्त परासी के ग्रामीणों ने शिविर में जेइ को बनाया बंधक
गोविंदपुर प्रखंड के परासी पंचायत सचिवालय में बुधवार को लगे सरकार आपके द्वार शिविर में बिजली समस्या से त्रस्त ग्रामीणों ने निरसा क्षेत्र के कनीय विद्युत अभियंता नीतीश कुमार को करीब तीन घंटे तक तक बंधक बनाकर रखा. बाद में ग्रामीण जब पानी पीने के लिए थोड़ी देर के लिए बाहर निकले तो नीतीश कुमार जान बचाकर भाग निकले. उनके बंधक बनाने की सूचना पाकर सहायक विद्युत अभियंता बीच रास्ते से ही लौट गये. बताया जाता है कि परासी गांव के बरहीर टोला एवं मंडल टोला में पिछले एक वर्ष से बिजली तार एवं लकड़ी के पोल जर्जर हालत में है. तार नीचे झूल रहा है, जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है और ग्रामीणों की जान जा सकती है. तार और पोल बदलने की मांग ग्रामीण लंबे समय से कर रहे थे, परंतु कनीय अभियंता और सहायक अभियंता ने कभी ध्यान ही नहीं दिया. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने मौका पाकर सरकार आपके द्वार शिविर में कनीय अभियंता को बंधक बना लिया.अभियंता को बंधक बनाए जाने की सूचना पाकर गोविंदपुर बीडीओ मो. जहीर आलम दामकड़ा बरवा पंचायत सचिवालय में लगे शिविर को छोड़ कर परासी रवाना हो गये, परंतु उनके पहुंचने के पूर्व ही कनीय अभियंता किसी तरह ग्रामीणों के चंगुल से भाग निकले थे. इस संबंध में संपर्क करने पर मुखिया मेराज अंसारी ने बताया कि उन्होंने भी तार और पोल बदलने का आग्रह कई बार किया था, परंतु उनकी भी अभियंताओं ने नहीं सुनी. ग्रामीणों का आक्रोश देख कार्यपालक अभियंता भी शिविर में पहुंचने का साहस नहीं कर सके. बाद में बीडीओ ने कार्यपालक अभियंता से फोन पर बात की तो उन्होंने चार दिनों के अंदर लकड़ी का पोल हटाने एवं जर्जर तारों को बदल देने का आश्वासन दिया है.
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