धनबाद : प्रिंस के लिए पैसों का लेन-देन करता था विशाल, अरशद चलाता था सीएसपी, दोनों भेजे गये जेल

प्रिंस खान ने उससे कहा कि मेरे लिए काम करते रहो. तुम्हें कभी किसी तरह कि परेशानी नहीं होगी एवं कभी भी और पैसों की जरूरत हो तो सैफी भिजवा देगा.

By Prabhat Khabar News Desk | November 8, 2023 12:42 PM
  • स्वीकारोक्ति बयान में गैंगस्टर प्रिंस के लिए पैसों के लेन-देने की बात स्वीकारी

विधि प्रतिनिधि, धनबाद : वासेपुर के गैंगस्टर प्रिंस खान के साथ मिलकर उसके गुर्गों द्वारा रंगदारी वसूली के पैसे मुहैया कराने के मामले में पुलिस ने मंगलवार को भूली निवासी विशाल नंदी व गद्दी मुहल्ला नया बाजार निवासी अरशद हुसैन को अवर न्यायाधीश राजीव त्रिपाठी की अदालत में पेश किया, जहां से दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. दोनों ने जेल जाने से पूर्व पुलिस को दिये अपने स्वीकारोक्ति बयान में कई राज खोले हैं.

निजी बैंक में काम करता था नंदी

विशाल नंदी ने स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि वर्ष 2020 में राजा शिव प्रसाद कॉलेज से स्नातक करने के बाद में निजी बैंक में काम करने लगा. स्कूल के साथी रौशन सिंह के सैफी उर्फ सैयद रोफ अब्बास के माध्यम से मेरी जान पहचान सैफी से भी हो गयी. उसकी बातचीत व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से प्रिंस खान से भी कई बार करवाया. प्रिंस खान ने उससे कहा कि मेरे लिए काम करते रहो. तुम्हें कभी किसी तरह कि परेशानी नहीं होगी एवं कभी भी और पैसों की जरूरत हो तो सैफी भिजवा देगा. 12 अक्तूबर को सैफी ने कहा कि बैंकमोड़ में एटीएम के पास चले जाओ. वहां उसे दो लड़के ने जिंदा गोली दी, जिसे लेकर वह घर चला गया. उसके बाद 20 एवं 21 अक्तूबर को सैफी के कहने पर ही कुछ एकाउंट में पैसे ट्रांसफर किया. आसनसोल जाकर एक महिला को 60 हजार रुपये नगद दिया. बाद में फिर कुछ लोगों के खाता में राशि ट्रांसफर किया.

अरशद हुसैन चलाता था साइबर कैफे एवं प्रज्ञा केंद्र

अरशद हुसैन इंडस्ट्री हाउस बैंकमोड़ में इग्नू से बीसीए करने के बाद अपना साइबर कैफे एवं प्रज्ञा केंद्र चलाता था. कुछ दिनों पहले विशाल नंदी कल्याणपुर के पास, भूली स्थित प्रज्ञा केंद्र डिजिटल जोन पर आया और अपने आप को एचडीएफसी बैंक का कर्मी बताया एवं सीएसपी के संबंध में बातचीत हुई. उसके बाद वह अक्सर उसके साइबर कैफे में आता रहता था. कुछ समय के बाद वह एक दिन मेरे साइबर कैफे में आया. बातचीत के क्रम में मैंने कहा कि कैफे का काम सही नहीं चल रहा है. ज्यादा आमदनी नहीं है. घर चलाने में बहुत परेशानी हो रही है, उसके बाद विशाल नंदी बोला कि तुम मेरे साथ काम करो, तुम्हें अच्छा फायदा होगा. कहा कि मैं प्रिंस खान एवं सैफी के लिए काम करता हूं. वे लोग का बहुत सारा कैश मेरे पास रखते हैं, जिसे मुझे अलग-अलग अकाउंट में जमा करना होता है. उनलोगों के लिए काम करने से अच्छा पैसा मिलेगा. विशाल ने अपने फोन से व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से सैफी एवं प्रिंस खान से बात करवाया, दोनों एक हीं साथ थे. प्रिंस खान ने कहा कि उसे कुछ नहीं होने देगा एवं कभी पैसों की कमी नहीं होगी. उनलोगों की बातें सुन कर मैं उनके लिए काम करने के लिए तैयार हो गया. उसके बाद विशाल नंदी कैश जमा करने देता था. साथ ही एकाउंट नंबर भी. उसे जमा करने की एवज में कमीशन देता था. छह नवंबर को पुलिस ने उसे घर से ही गिरफ्तार किया.

विकास सिंह की जमानत पर पुलिस ने सौंपी केस डायरी

अवैध हथियार रखने व इस्तेमाल करने के मामले में आरोपित जेल में बंद अंबिकापुरम निवासी विकास सिंह की जमानत अर्जी पर मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुलदीप की अदालत में सुनवाई हुई. पुलिस ने अदालत में केस डायरी समर्पित किया. वहीं लोक अभियोजक अवधेश कुमार ने केस डायरी का अवलोकन करने के लिए समय की याचना की. अदालत में वरीय अधिवक्ता जया कुमार व आयुष सिन्हा ने पैरवी किया. अदालत ने उभय पक्षों की दलील सुनने के बाद सुनवाई की अगली तारीख 18 नवंबर निर्धारित कर दी है. विकास सिंह पर प्रिंस खान एवं उसके गुर्गों को हथियार सप्लाई करने का आरोप है.

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