पानी संकट और सफाई व्यवस्था से नाराज छात्रों ने गुरुवार को राजकीय पॉलिटेक्निक के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया. सेमेस्टर फाइव की छात्रों का कहना है कि 10 दिनों से पानी संकट झेल रहे हैं. न ही पीने को पानी है और ना ही शौचालय में पानी आ रहा है. छात्रों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है. वहीं हॉस्टल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. बार-बार शिकायत के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. सप्लाई पानी जिस कुआं में गिराया जाता है, उसकी स्थिति भी दयनीय है. दूषित पानी पीने से स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा. सालों से वाटर कूलर भी खराब पड़ा हुआ है. बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं है. आये दिन बिजली संकट के कारण पढ़ाई बाधित होती है.
शौचालय का दरवाजा तक बंद नहीं होता
विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता हर्ष कुमार महतो ने बताया कि दो साल से समस्या झेल रहे है. सालों से मेंटेनेंस का कार्य नहीं हुआ है. शौचालय का दरवाजा तक बंद नहीं होता है. पूरे परिसर में झाड़ियां उग आयी है. नामांकन लेते वक्त सारी सुविधा देने की बात कही जाती है. लेकिन हॉस्टल की स्थिति बहुत खराब है. शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है. मजबूरन पढ़ाई बाधित कर आंदोलन करना पड़ रहा है. इस दौरान ताला बंदी कर छात्रों ने जमकर नारेबाजी की.
आश्वासन के बाद आंदोलन हुआ खत्म
आंदोलन के बाद प्रभारी प्राचार्य बीएनटी यादव के साथ छात्रों की वार्ता हुई. आश्वासन दिया गया कि पानी संकट शुक्रवार तक दूर कर दिया जायेगा. बाकी समस्या का समाधान भी जल्द कर दिया जायेगा. इसके बाद छात्रों ने ताला खोला. विरोध करने वालों में राहुल, सुमंत, आयुष, आकाश, सुरेंद्र, अंकित, दामु, करण, नीरज, अमन, विशाल, बिनोद, मिहिर आदि शामिल थे.
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