मनरेगा में बिना ग्राम सभा से पास कराये ही 302 योजनाएं स्वीकृत करने व लेबर डिमांड लिस्ट डिलीट करने मामले की तकनीकी जांच शुरू हो गयी है. इस मामले में मनरेगा आयुक्त कार्यालय से उपयोग किये गये लॉगइन व पासवर्ड का ब्योरा तलब किया गया है.
क्या है मामला
मनरेगा के तहत गोविंदपुर प्रखंड की बिराजपुर पंचायत में पिछले दिनों 302 योजनाएं स्वीकृत कर दी गयी थी. इस मामले का खुलासा प्रभात खबर ने किया था. इसके बाद उपायुक्त संदीप सिंह ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का आदेश दिया. डीआरडीए के निदेशक मो मुमताज अली अहमद के नेतृत्व में एक टीम जांच कर रही है. अधिकृत सूत्रों के अनुसार इस मामले में उपायुक्त की तरफ से तकनीकी जांच करने को भी कहा गया है. आखिर किसके लॉगइन से योजनाएं मंजूर कर भेजी गयी. बिराजपुर पंचायत में ही पिछले माह मनरेगा के तहत हुए कार्यों के आधार पर जेनरेट लेबर बिल को डिलीट कर दिया गया था. इस मामले में भी प्रशासनिक जांच हो रही है. उपायुक्त कार्यालय से इस मामले में भी मनरेगा आयुक्त कार्यालय से आइपी एड्रेस की मांग की गयी है.
नौ सितंबर को होगा स्थल निरीक्षण
इन दोनों मामलों की जांच करने नौ सितंबर को उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह विराजपुर जायेंगे. वहां मनरेगा के तहत हुए कार्यों को देखेंगे. साथ ही वहां पर तैनात कर्मियों एवं जन प्रतिनिधियों से भी बातीचत करेंगे.
ऑनलाइन, ऑफलाइन आवेदनों का करें निपटारा
जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त संदीप सिंह ने इ-समाधान पोर्टल की ऑनलाइन व ऑफलाइन समीक्षा की. इस दौरान सभी विभागों को शिकायतों की प्राप्ति देने का निर्देश दिया. कहा : आवेदन की प्राप्ति देने में कोई भी विभाग कोताही नहीं बरतें. साथ ही कहा : शिकायतों की सही जांच कर उसका निष्पादन करें. शिकायतों का निष्पादन करना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है. पदाधिकारियों से कहा : जिस क्षेत्र से अधिक शिकायतें आती हैं, वहां विशेष ध्यान केंद्रित करें. अपने स्तर से भी विभागीय जांच अवश्य करें. शिकायतों का निष्पादन लाने में तेजी लायें, वह प्रक्रियाधीन शिकायतों की समीक्षा करें.
ई-समाधान पोर्टल पर मिल रही शिकायतों का हो रहा निष्पादन
ई-समाधान पोर्टल पर 8619 शिकायतें प्राप्त हुई है. इसमें 7444 (86.36%) शिकायतों का निष्पादन किया जा चुका है. वहीं 680 शिकायतें प्रक्रियाधीन है एवं 495 को अस्वीकृत कर दिया गया है. बैठक के दौरान समाज कल्याण, शिक्षा, श्रम, सामान्य शाखा, परिवहन, निबंधन, नगर निगम, भू-अर्जन, पेयजल व स्वच्छता विभाग, को-ऑपरेटिव, कल्याण, प्रखंड व अंचल सहित अन्य विभागों की समीक्षा की गयी. अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता, अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम कुमार तिवारी, उप निर्वाचन पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार पांडेय, सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा, डीआइओ सुनीता तुलस्यान, डीएसडब्ल्यूओ स्नेह कश्यप, पुलिस विभाग, नगर निगम के पदाधिकारी मौजूद थे.