Dhanteras 2023: धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी का हुआ था अवतरण, शास्त्रों में है इसका व्यापक महत्व
Dhanteras 2023: धनतेरस के दिन ही समुद्र मंथन के द्वारा आयुर्वेद के पिता भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे, इसलिए धनतेरस के रूप में भगवान धनवंतरी का प्राकट्योत्सव मनाया जाता है. आयुर्वेद भगवान धनवंतरी की ही देन है. वहीं, भौतिक जीवन में भी धनतेरस का विशेष महत्व है.
Dhanteras 2023: शुक्रवार 10 नवंबर से धनतेरस के साथ पंच दिवसीय दीप महोत्सव का शुभारंभ हो रहा है. धनतेरस और दीपावली की खरीदारी लेकर बाजार में चहल-पहल देखी जा रही है. शास्त्रों में धनतेरस का व्यापक महत्व है. धनतेरस के दिन ही समुद्र मंथन के द्वारा आयुर्वेद के पिता भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे, इसलिए धनतेरस के रूप में भगवान धनवंतरी का प्राकट्योत्सव मनाया जाता है. आयुर्वेद भगवान धनवंतरी की ही देन है. वहीं, भौतिक जीवन में भी धनतेरस का विशेष महत्व है. इस दिन श्रद्धालु अपने सामर्थ्य अनुसार बरतन, धातू, सोना-चांदी एवं हीरे के आभूषण,लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, झाडू, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बाइक व अन्य प्रकार के वाहन व वस्तुओं की खरीदारी करते हैं. इस बार धनतेरस शुक्रवार को है, इसलिए इस दिन सफेद और लाल रंग से युक्त वस्तुओं की खरीदारी करना सबसे बेहतर होगा. मान्यता है कि इस दिन घर में उपयोग आने वाले आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करने से जीवन में धन-धान्य, सुख-समृद्धि और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
शनिवार को छोटी दीपावली और हनुमंत जयंती
11 नवंबर, शनिवार को छोटी दीपावली यानी यम दिवाली और बल, बुद्धि, विद्या के दाता भगवान हनुमंत की जयंती मनायी जाएगी. शास्त्रों के अनुसार, भगवान हनुमान का प्राकट्य इसी दिन हुआ था, इसलिए इस दिन भक्त हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा-आराधना और भजन-कीर्तन करेंगे.
12 नवंबर, रविवार को मनायी जाएगी दीपावली
12 नवंबर, रविवार को दीपोत्सव का त्योहार दीपावली मनाया जाएगा. उदया तिथि में चतुर्दशी है. दोपहर 2.30 बजे के बाद अगले दिन संध्या करीब 3.00 बजे तक अमावस्या है. दीपावली सायं काल में मनायी जाती है. अनिवार्यता यह है कि अमावस्या तिथि होना चाहिए और रविवार को सायंकाल में अमावस्या तिथि है, इसलिए रविवार को ही दीपोत्सव का त्योहार दीपावली मनाया जाएगा. इस दिन लोग अपने घरों, घर के अंदर के मंदिर, द्वार, दरवाजा समेत पूरे आवासीय परिसर को रंग-बिरंगे रौशनियों, फूलों, दीपों एवं लड़ियों से सजाते हैं. सायंकाल में लक्ष्मी-गणेश की पूजा-उपासना और आवाहन करते हैं, ताकि लक्ष्मी की कृपा से जीवन में धन-धान्य, सुख-समृद्धि बनी रहे और भगवान गणेश की कृपा से सद्बुद्धि बनी रहे.
13 नवंबर, सोमवार को सोमवती अमावस्या
13, नवंबर, सोमवार को सोमवती अमावस्या का योग बन रहा है. धर्म के क्षेत्र में सोमवती अमावस्या का बहुत महत्व है. इस दिन धर्मानुरागी और श्रद्धालु गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. पीपल और बरगद के वृद्ध की पूजा करते हैं. भगवान श्रीनारायण की पूजा-आराधना करते हैं. महिलाएं सतित्व और सौभाग्य के लिए इस दिन व्रत रखती हैं.
14 नवंबर, मंगलवार को अन्नकुट और गोवर्धन पूजा
14 नवंबर को श्रद्धालु महिलाएं गोवर्धन पूजा और अन्नकुट का त्योहार मनाएंगी. इस दिन श्रद्धालु व धर्मानुरागी गौशालाओं में जाकर गौ-पूजा और गौ-सेवा करेंगे.
15 नवंबर, बुधवार को मनेगा भैयादूज
15 नवंबर, बुधवार को कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि है. इस दिन भाई-बहन के स्नेह और प्रेम का त्योहार भैया-दूज मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाइयों का हाथ पूजकर और माथे पर तिलक लगाकर भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि से भरे जीवन के लिए कामना करती हैं. भाइयों को अपने हाथों से तरह-तरह के पकवान बनाकर खिलाती हैं. भाई भी बहनों का सामर्थ्य अनुसार उपहार देते हैं और रक्षा का वचन देते हैं.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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