सरायकेला : कुम्हारों को उम्मीद, मिट्टी के दीयों से रोशन होगी जिंदगी, 60 से 2100 रुपये की मूर्तियां उपलब्ध
सरायकेला व आस पास के क्षेत्रों में दिवाली को लेकर बाजार में उत्साह है. मिट्टी के दीये, खिलौने व मूर्ति बनाने वाले कुम्हारों को बाजार से खासा उम्मीद है. सरायकेला बाजार में 60 रुपये से 2100 रुपये तक की मूर्तियां उपलब्ध हैं. दिवाली आने से पूर्व घरों में साफ-सफाई, रंगाई-पुताई हो चुकी है.
सरायकेला व आस पास के क्षेत्रों में दिवाली को लेकर बाजार में उत्साह है. मिट्टी के दीये, खिलौने व मूर्ति बनाने वाले कुम्हारों को बाजार से खासा उम्मीद है. सरायकेला बाजार में 60 रुपये से 2100 रुपये तक की मूर्तियां उपलब्ध हैं. दिवाली आने से पूर्व घरों में साफ-सफाई, रंगाई-पुताई हो चुकी है. दिवाली की रात में धन की देवी मां लक्ष्मी और विघ्न विनाशक गणेश की पूजा होती है. इस दिन लोग अपने घरों में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां स्थापित करते हैं. अगले वर्ष दिवाली के दिन ही पुरानी मूर्ति का विसर्जन कर नयी मूर्ति की स्थापना करने की परंपरा रही है.
लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति सरायकेला में नहीं बनायी जाती है. मूर्तियों को कोलकाता से मंगाया जाता है.
रवि प्रजापति
रथयात्रा के बाद से मिट्टी के खिलौने बनाने में जुट जाते हैं. बरसात में काम नहीं हो पाता है. मिट्टी के समान को सुखाने में समय लगता है. दुर्गापूजा बाद से खिलौनों की रंगाई की जाती है
पवन कुमार प्रजापति
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