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Dhanvantari Ji Ki Aarti: दरिद्रता दूर करने के लिए धनतेरस पूजा के दौरान जरूर पढ‍़ें भगवान धन्वंतरि की आरती

Dhanvantari Aarti: धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. धन्वंतरि को विष्णु का अंश माना गया है. उनके हाथों में अमृत कलश है और वे रोगों से रक्षा करने वाले, दरिद्रता दूर करने वाले देवता के रूप में पूजे जाते हैं. धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा कर रहे हैं तो जरूर पढ़ें ये आरती.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2022 2:44 PM

Dhanvantari Ji Ki Aarti: धनतेरस 2022, 22 और 23 अक्टूबर को है. कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथी को धनतेरस के दिन भगवान धन्वं‍तरि की विशेष पूजा आराधना की जाती है. इस दिन उनका जन्मदिन भी मानाया जाता है, जो समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर निकले थे. धनतेरस के दिन दरिद्रता दूर करने और निरोगी काया की कामना के साथ भगवान धन्वं‍तरि की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता हैं कि पूजा करने के बाद धन्वं‍तरि देव की आरती करने से जीवन की दरिद्रता का नाश हो जाता है.

Dhanteras 2022: धन्वं‍तरि जी की आरती

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।

जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।

देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।

सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।

आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।

असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।

वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।

रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।

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Dhanteras 2022: धन्वं‍तरि स्तो‍त्र

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।

सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥

कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।

वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धन्वं‍तरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

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