कानपुर: हैलट हॉस्पिटल में 31 करोड़ से बनेगी डायबिटिक न्यूरो लैब, पैरों में घाव और अन्य दिक्कतों का होगा इलाज
डॉ. सौरभ के अनुसार, लैब का निर्माण मेडिसिन विभाग के प्रथम तल पर होगा. लैब में नई हाईटेक अल्ट्रासाउंड मशीन भी लगेगी. इसके अलावा डेढ़ करोड़ की लागत से डेक्सा स्कैन मशीन भी लगाई जाएगी. वार्ड 11 व 12 का कायाकल्प भी होगा.
Kanpur News: डायबिटीज के कारण पैरों में गहरे घाव और अन्य दिक्कत का अब बेहतर उपचार शहर में ही मिलेगा. शासन ने हैलट में डायबिटिक न्यूरो फुट लैब के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. 31 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली इस लैब को बनाने का जिम्मा राजकीय निर्माण विभाग को दिया गया है. मेडिकल प्राचार्य डॉ. संजय काला के मुताबिक, डायबिटिक न्यूरो फुट लैब के लिए लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था. आखिर शासन ने इसके निर्माण की स्वीकृति दे दी.मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. सौरभ अग्रवाल ने बताया कि हैलट में अब डायबिटीज के उन मरीजों का बेहतर उपचार हो सकेगा, जिनके पैरों में गहरे घाव हो जाते हैं. चोट लगने के बाद भी एहसास नहीं होता और वह नासूर का रूप ले लेता है. पैरों में कुछ भी महसूस होना बंद हो जाता है.
मेडिसिन विभाग के प्रथम तल पर होगा निर्माण
डॉ. सौरभ के अनुसार, कानपुर के कानपुर हैलट हॉस्पिटल में लैब का निर्माण मेडिसिन विभाग के प्रथम तल पर होगा. लैब में नई हाईटेक अल्ट्रासाउंड मशीन भी लगेगी. इसके अलावा डेढ़ करोड़ की लागत से डेक्सा स्कैन मशीन भी लगाई जाएगी. वार्ड 11 व 12 का कायाकल्प भी होगा.
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ईआरसीपी की होगी व्यवस्था
डॉ. सौरभ के अनुसार, लैब में ईआरसीपी की भी सुविधा मरीजों को मिलेगी. इसके अलावा न्यूरोपैथी, एंडोस्कोप, ट्रिपल एंडोस्कोप की भी सुविधा होगी.उन्होंने बताया कि अब तक इलाज की यह सुविधा नहीं होने से मरीजों को केजीएमयू रेफर कर दिया जाता था. कुछ तो अपनी मर्जी से दिल्ली भी चले जाते थे. अब ऐसा नहीं होगा.
मेडिकल कॉलेज में बताया सीपीआर का महत्व
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की ओर से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में सीपीआर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ. वीडियो क्रॉफेसिंग के जरिए लैब टेक्नीशियन, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल समेत अन्य कर्मचारियों को सीपीआर का महत्व बता प्रशिक्षण भी दिया गया. नोडल अधिकारी डॉ. अनिल कुमार वर्मा, डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, डॉ. नेहा मिश्रा आदि रहे.