Maradona kolkata connection, Maradona in India, maradona in kolkata कोलकाता : फुटबॉल की बात हो और कोलकाता के खेलप्रेमी चुपचाप रहें, यह हो नहीं सकता. माना जाता है कि देश में कोलकाता एक ऐसा शहर है, जहां फुटबॉल को सर्वाधिक तरजीह मिलती है, इसके सर्वाधिक प्रशंसक रहते हैं. मैदान में ईस्ट बंगाल और मोहन बागान की टक्कर भर से ही मानो कलकतिया फुटबॉल प्रेमियों में उत्साह-उमंग और रोमांच का करंट दौड़ जाता हो.
ऐसे में जब माराडोना जैसी कोई हस्ती शहर में पधारे, तो सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि फुटबॉल प्रेमियोें का उत्साह और उनकी खुशी कैसे सातवें आसमान को छूने लगेगी. माराडोना के मामले में ऐसा ही हुआ भी. एक नहीं, दो-दो बार. 2008 और 2017 के उनके कोलकाता दौरे पर फुटबॉल प्रेमियों व उनके प्रशंसकों ने जिस गर्मजोशी के साथ उनका सम्मान किया, वह देखनेवालों के लिए एक अनोखा अनुभव था.
मारोडाना का पहला कोलकाता दौरा 2008 के दिसंबर महीने में हुआ था. पांच दिसंबर, 2008 की आधी रात को सिटी ऑफ ज्वॉय की धरती पर पहली बार कदम रखनेवाले अर्जेेंटीना के इस अभूतपूर्व खिलाड़ी को वेलकम करने के लिए लाखों की भीड़ कोलकाता हवाई अड्डे से लेकर आसपास के इलाकों में जमी थी. उनके प्रशंसकों में उनके आगमन से उत्साह व प्रसन्नता का आलम ऐसा था कि उस सर्द रात में न तो किसी को ठंड की परवाह थी ना नींद लेने की जल्दबाजी.
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दूर-दूराज से एयरपोर्ट आकर उनकी एक झलक पाने को बेचैन-बेताब उनके फैन्स को घर वापस लौटने के लिए ट्रांसपोर्ट की कमी की भी कोई परवाह नहीं थी. जो जहां था, वहीं जमा था अपने विश्वस्तरीय प्रिय खिलाड़ी की एक झलक पाने के लिए. पहली बार उनके कोलकाता आगमन के अलगे दिन कोलकाता के मशहूर साल्टलेक स्टेडियम में आयोजित जिस प्रदर्शनी मैच में उन्हें खेलना था, उसका गवाह बनने के लिए टिकट की कोई भी कीमत देने को लोग तैयार थे.
स्टेडियम की कोई सीट खाली रह जाये, इसकी कल्पना तो की ही नहीं जा सकती थी, हाफ टाइम के मैच तक कई लगता था मानो बेटिकट लोग भी स्टेडियम की चाहरदीवारी तोड़ देेंगे. जिन्हें स्टेडियम में जगह नहीं मिल सकी, वे बाहर ही माराडोना को अंदर जाते या निकलते देख कर संतुष्ट हो लेना चाहते थे.
ऐसे लोगों की कमी नहीं थी, जो सेक्यूरिटी इंतजामों में सेंध लगा कर माराडोना की गाड़ी को ही छू लेने की तत्परता के साथ उनके रास्ते में खड़े होने के लिए ठौर तलाश रहे थे. स्टेडियम में पहुंचे माराडोना को वेलकम करने के लिए ‘डियागो-डियागो’ चिल्लानेवाले उनके लाखों प्रशंसकों की आवाज मानो सीधे भारत से अर्जेंटीना पहुंच रही हो.
माराडोना के उस दौरे को कोलकाता की मीडिया ने भी काफी जगह दी थी. अखबार व टीवी पर माराडोना छाये हुए थे. रेडियो-एफएम हर जगह. दीवारों पर जगह-जगह मारोडाना की तस्वीरें बन गयी थीं. यहां तक कि काली-पक्की सड़कों पर भी. मारोडाना के उस दौरे के कुछ दिन पहले से कोलकाता का वातावरण ऐसा बनने लगा था मानो कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि अर्जेंटीना देश ही शहर में पधारने जा रहा हो. जिधर देखो अर्जेंटीना का ध्वज, वहां के खिलाड़ियों की जर्सी का नकल करते यहां के युवाओं के शरीर पर चमकते वस्त्र आदि आम हो गये थे.
1978 में अपने देश अर्जेंटीना को फुटबॉल का विश्वकप दिलाने वाले इस महान खिलाड़ी दूसरा कोलकाता आगमन 2017 में हुआ था. तब भी महीना दिसंबर का ही था. अपने पहले कोलकाता दौरे के ठीक 9 वर्ष बाद 10 दिसंबर, 2017 को माराडोना दूसरी बार यहां तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे. तब भी उन्हें पूर्व क्रिकेटर सौरभ गांगुली के नेतृत्व वाली एक टीम के खिलाफ एक नुमाइशी फुटबॉल मैच खेलना था.
इस बार भी उनके दौेरे पर कोलकाता के लोगों ने 2008 की यादों को जिंदा कर दिया था. एयरपोर्ट से लेकर शहर की गलियों व चौक-चौराहों तक माराडोना छा गये थे. खेलप्रेमियों के उत्साह को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं पूरे इवेंट पर नजर रख रही थीें. माराडोना के सम्मान में जगह-जगह पुष्पवृष्टि की गयी थी.
ऐसा लग रहा था मानो पूरा कोलकाता किसी अभूतपूर्व उत्सव के आनंद में डूब गया हो. हालांकि इस बार माराडोना जिस मैच के लिए बुलाये गये थे, उसमें वह उस तरह नहीं खेल सके, जैसी उम्मीद की जा रही थी. इससे सौरभ गांगुली काफी निराश भी हुए थे. उन्होंने अफसोस जताया था. हालांकि उन्होंने माराडोना की दिक्कतों को महसूस भी किया था, जिसे मीडिया के साथ भी उन्होंने शेयर किया.
posted by : sameer oraon