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टिकट बंटवारे को लेकर ममता बनर्जी और अभिषेक में मतभेद, विरोध में टीएमसी की वर्कर्स यूनियन ने काम किया बंद

टिकट बंटवारे और प्रत्याशियों की सूची सोशल मीडिया के जरिए जारी किए जाने के विरोध में टीएमसी वर्कर्स यूनियन ने बस सेवाओं को निलंबित करने के साथ ही जूट मिलों में काम ठप कर दिया है. इतना ही नहीं, पार्टी के खिलाफ उसके कार्यकर्ता जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन भी कर रहे हैं.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले ही सूबे की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में फूट की खबर सामने आ रही है. स्थानीय निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर टीएमसी की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी में तनातनी बढ़ गई है. पार्टी के इन दोनों वरिष्ठ नेताओं में आपसी मतभेद पैदा होने से अंतर्कलह भी बढ़ती जा रही है.

आलम यह कि टिकट बंटवारे और प्रत्याशियों की सूची सोशल मीडिया के जरिए जारी किए जाने के विरोध में टीएमसी वर्कर्स यूनियन ने बस सेवाओं को निलंबित करने के साथ ही जूट मिलों में काम ठप कर दिया है. इतना ही नहीं, पार्टी के खिलाफ उसके कार्यकर्ता जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन भी कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ रही है.

निकाय चुनाव में उतारे जाएंगे 2200 प्रत्याशी

टीएमसी नेताओं के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, पश्चिम बंगाल में 108 नगर निकायों के चुनाव होने हैं. इन चुनावों में टिकट बंटवारे को लेकर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी में मतभेद पैदा हो गए हैं. टीएमसी की ओर से नगर निकाय चुनाव के लिए करीब 2200 प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है, लेकिन इनमें से करीब 150 प्रत्याशियों के टिकट पर पेंच फंस गया है.

नगर निकाय के 150 सीटों को लेकर उभरा मतभेद

हालांकि, टीएमसी में ममता बनर्जी के बाद अभिषेक को दो नंबर की पोजिशन पर रहने वाला नेता माना जाता है. पश्चिम बंगाल के अलावा गोवा और त्रिपुरा में पार्टी के पैर पसारने से लेकर चुनाव लड़ने तक का फैसला लेने में अभिषेक बनर्जी की भूमिका अहम मानी जाती है. लेकिन, पश्चिम बंगाल के नगर निकाय चुनाव में 150 सीटों के प्रत्याशियों को लेकर बुआ-भतीजे के मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं.

वर्कर्स यूनियन ने काम कर दिया है ठप

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पश्चिम बंगाल में नगर निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर टीएमसी में बगावत भी देखी जा रही है. राज्य के करीब 19 जिलों में नगर निकाय चुनाव होने हैं और इस चुनाव से पहले ही टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. हद तो तब हो गई, जब दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करनी पड़ी.

सोशल मीडिया पर जारी की गई प्रत्याशियों की दूसरी सूची

खबर यह भी है कि पार्टी के फैसलों के विरोध में टीएमसी की वर्कर्स यूनियन ने बस सेवाओं को निलंबित करने के साथ ही जूट मिलों में काम करना बंद कर दिया. नगर निकाय चुनाव की पहली सूची टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की ओर से मंजूरी मिलने के बाद पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी और सुब्रत बख्शी ने जारी किया था, लेकिन दूसरी सूची फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर अपलोड कर दी गई.

ममता को 150 नामों पर ऐतराज

टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर मीडिया को बताया कि पार्टी की ओर से 2200 लोगों को उतारा जाएगा. ममता बनर्जी को 150 नामों पर आपत्ति है, जिन्हें फेसबुक पेज और ट्विटर पर अपलोड की गई सूची में शामिल किया गया है. यही नहीं, यह सूची उनकी जानकारी के बिना ही अपलोड की गई थी. कोलकाता के मेयर और ममता बनर्जी के करीबी फिरहाद हाकिम ने कहा कि दूसरी सूची उन लोगों की ओर से अपलोड की गई है, जिन्हें पार्टी के डिजिटल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड दिए गए हैं, जबकि वे इसके लिए अधिकृत नहीं हैं.

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प्रशांत किशोर की कंपनी पर उठ रहे सवाल

इतना ही नहीं, टीएमसी के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं का एक धड़ा इसके लिए प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक को जिम्मेदार बता रहा है. सोशल मीडिया के जरिए सूची जारी किए जाने को लेकर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया को बताया कि यदि यह पासवर्ड चोरी का ही मामला हो तो फिर दो दिनों से इस सूची को हटाया क्यों नहीं गया है. वहीं, आईपैक की ओर से मीडिया में यह बयान दिया जा रहा है कि प्रत्याशियों के चयर में कंपनी की कोई भूमिका नहीं है.

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