प्रशासनिक सहयोग के बिना घुसपैठ, तस्करी रोकना मुश्किल : अमित शाह
गृह मंत्री ने देश की सीमाओं की रक्षा में बीएसएफ की भूमिका की सराहना की. इससे पहले श्री शाह ने सुंदरवन के हिंगलगंज में बीएसएफ की ‘फ्लोटिंग’ सीमा चौकियों व एक पोत एंबुलेंस का उद्घाटन किया.
कोलकाता: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना घुसपैठ व तस्करी को रोकना मुश्किल है. हालांकि उन्होंने जोर दिया कि जल्द ही ऐसी राजनीतिक स्थिति बनेगी, जिससे स्थानीय अधिकारी जनता के दबाव के आगे मदद करने को ‘बाध्य’ हो जायेंगे.
श्री शाह गुरुवार को उत्तर 24 परगना में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. मौके पर उन्होंने कहा, ‘स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना घुसपैठ व तस्करी को रोकना मुश्किल है, पर जल्द ही ऐसी राजनीतिक स्थिति आयेगी, जिसमें आपको जनता के दबाव के चलते सहयोग मिलने लगेगा. अपनी सीमाओं को घुसपैठ व तस्करी से बचाना हमारी जिम्मेदारी है.’
गृह मंत्री ने देश की सीमाओं की रक्षा में बीएसएफ की भूमिका की सराहना की. इससे पहले श्री शाह ने सुंदरबन के हिंगलगंज में बीएसएफ की ‘फ्लोटिंग’ सीमा चौकियों व एक पोत एंबुलेंस का उद्घाटन किया. मालूम रहे कि केंद्रीय गृह मंत्री बंगाल में वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार आये हैं.
Also Read: गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर ममता बनर्जी का पलटवार, कहा- अन्य राज्यों से बेहतर है बंगाल
श्री शाह ने बीएसएफ के आला अधिकारियों से भी बातचीत की. बीएसएफ के मुताबिक, सुंदरबन के इलाकों में निगरानी बढ़ाने के लिए ‘फ्लोटिंग’ सीमा चौकियों (जलीय सीमाओं की रक्षा के लिए जहाजी बेड़ा, पोत, नौका) की संख्या बढ़ायी गयी है. उन्होंने बताया कि पोत एंबुलेंस का मकसद साहेबखली से शमशेर नगर तक सुंदरवन के निर्जन इलाके में चिकित्सीय सहायता मुहैया कराना है.
मैत्री संग्रहालय की आधारशिला रखी
केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार शाम को हरिदासपुर में ‘मैत्री संग्रहालय’ की आधारशिला रखी. श्री शाह गुरुवार को सुबह कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे थे. वहां उनकी अगवानी के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक मौजूद थे. श्री शाह ने बांग्ला भाषा में ट्वीट किया, ‘पश्चिम बंगाल की दो दिवसीय यात्रा पर कोलकाता पहुंचा. कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने और बंगाल के भाइयों व बहनों से बातचीत करने को उत्सुक हूं.’