Loading election data...

राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा में बड़ा फेरबदल, तालिका में दिलीप घोष का नाम नहीं

मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही भाजपा के बाकी खेमे की तरह सांसद दिलीप घोष को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है ताकि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में समय दे सकें.

By Shinki Singh | July 29, 2023 11:14 AM

शनिवार सुबह अखिल भारतीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा घोषित नई कमेटी में दिलीप का नाम शामिल नहीं है. गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने केंद्रीय पदाधिकारियों की सूची जारी की है. इस सूची में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष का नाम शामिल नहीं है. अब वह केवल मेदिनीपुर से सांसद हैं. बंगाल से एकमात्र नाम अनुपम हाजरा का है. अनुपम को पार्टी सचिव के रूप में नामित किया गया है. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही भाजपा के बाकी खेमे की तरह सांसद दिलीप घोष को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है ताकि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में समय दे सकें.

आखिर सूची में दिलीप घोष का नाम क्यों नहीं

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से यह सुनने में आ रहा था कि दिलीप को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटाकर केंद्रीय मंत्री बनाया जाएगा. लेकिन उससे पहले दिलीप घोष को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटाने पर प्रदेश बीजेपी नेताओं की ओर से एक और संकेत मिल रहा है. बीजेपी खेमे का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व काफी समय से दिलीप घोष से असंतुष्ट था. उन पर अपने काम और टिप्पणी की वजह से पार्टी की ओर से अनुशासन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था. इसलिए यह एक दंडात्मक फैसला भी माना जा रहा है. हालांकि दिलीप ऐसा नहीं कह रहे हैं. उनका कहना है कि मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है. लेकिन सुनने में आया है कि पार्टी के सांसदों को पद से हटा दिया जाएगा. लोकसभा चुनाव को देखते हुए है. यह कदम इसलिए है ताकि सांसद अपने-अपने क्षेत्र में अधिक समय बिता सकें.

कमेटी में बंगाल के प्रतिनिधि सिर्फ अनुपम हाजरा का नाम शामिल

लेकिन दिलीप घोष का दावा पूरी तरह सही नहीं है. नड्डा द्वारा घोषित नई अखिल भारतीय समिति में छत्तीसगढ़ की सरोज पांडे, उत्तर प्रदेश की रेखा वर्मा, लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम भी शामिल नहीं है. दिलीप घोष का नाम तालिका में नहीं होने से अब अखिल भारतीय कमेटी में बंगाल के प्रतिनिधि सिर्फ अनुपम हाजरा रह गए हैं. पहले की तरह वह अखिल भारतीय सचिव के पद पर हैं. गौरतलब है कि बंगाल के पूर्व पर्यवेक्षक कैलाश विजयवर्गीय इस बार भी अखिल भारतीय महासचिव होंगे. एक समय यह अफवाह थी कि पार्टी के काम में शामिल न होने के कारण उन्हें अखिल भारतीय समिति से हटाया जा सकता है. हालांकि कैलाश विजयवर्गीय का नाम बीजेपी के आठ अहम महासचिव पदों में शामिल है.

Also Read: विधानसभा : नंदीग्राम में हुई हार को लेकर ममता ने शुभेंदु पर किया कटाक्ष, भाजपा विधायकों ने किया वाॅकआउट नई कमेटी में सबसे बड़ा बदलाव दिलीप घोष का नाम नहीं होना

नई कमेटी में सबसे बड़ा बदलाव दिलीप घोष का नाम नहीं होना है. अभी तक पार्टी का प्रदेश नेतृत्व इस पर चुप है. उनके समर्थकों का दावा है कि राज्य बीजेपी में पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक नतीजों के मामले में दिलीप घोष अब तक के सबसे अच्छे प्रदेश अध्यक्ष हैं. उनके कार्यकाल में पार्टी के विधायकों की संख्या तीन से बढ़कर 77 हो गयी. हालांकि, पार्टी के नियमों के अनुसार लगातार दो कार्यकाल तक प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के बाद उन्हें हटा दिया गया था. उनकी जगह बालुरघाट के सांसद सुकांत मजूमदार आये. दिलीप को अखिल भारतीय उपाध्यक्ष बनाया गया.

Also Read: शिक्षक भर्ती घोटाला : कब और कैसे शुरु हुआ मामला, अब तक हुई है कितनी गिरफ्तारियां कभी आरएसएस के प्रचारक रहे हैं दिलीप

कभी आरएसएस के प्रचारक रहे दिलीप राजनीति में आने के कुछ ही दिनों बाद प्रदेश अध्यक्ष बन गये. वे स्वयं पहले विधायक और बाद में सांसद बने. 20 सितंबर 2021 को उन्हें अखिल भारतीय उपाध्यक्ष बनाया गया. लेकिन उसके बाद कोई खास जिम्मेदारी नहीं दी गई. न बंगाल में, न देश के किसी अन्य राज्य में. हालांकि दिलीप घोष अक्सरअपने बयानों की वजह से चर्चा का विषय बनते रहते है.

Also Read: राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा में बड़ा फेरबदल, तालिका में दिलीप घोष का नाम नहीं

Next Article

Exit mobile version