भाजपा के लिए जरूरी है दूसरे दलों के नेताओं को शामिल करना, बोले दिलीप घोष
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इन आशंकाओं को खारिज किया कि पार्टी के पुराने नेताओं से अधिक महत्व अन्य दलों से पार्टी में आनेवालों को दिया जायेगा.
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इन आशंकाओं को खारिज किया कि पार्टी के पुराने नेताओं से अधिक महत्व अन्य दलों से पार्टी में आनेवालों को दिया जायेगा.
इससे भाजपा के नाराज नेताओं को कुछ राहत मिली है. श्री घोष ने कहा कि राजनीतिक निष्ठा बदलने से हमेशा महत्वपूर्ण पद मिलने की गारंटी नहीं होती है. श्री घोष ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि पार्टी को बंगाल में अपना आधार विस्तारित करने और सत्ता में आने के लिए अन्य राजनीतिक संगठनों से लोगों को जोड़ने की जरूरत है.
श्री घोष ने एक समाचार एजेंसी को दिये साक्षात्कार में यह भी स्पष्ट किया कि हर किसी को पार्टी के नियमों और कायदों का पालन करना है, चाहे वे पुराने हों या नये. उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में भाजपा एक बढ़ती हुई ताकत है. प्रत्येक बीतते दिन के साथ हमारा संगठन मजबूत हो रहा है, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य दलों के लोग हमसे जुड़ रहे हैं. यदि हम लोगों को अन्य संगठनों से नहीं लेते हैं, तो हम कैसे बढ़ेंगे?’
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सभी को भाजपा के नियमों का पालन करना होगा
तृणमूल कांग्रेस से नेताओं को पार्टी में शामिल करने को लेकर राज्य के कुछ हिस्सों में पार्टी में अंदरूनी खींचतान की खबरों के बारे में पूछे जाने पर श्री घोष ने कहा, ‘चाहे कोई भी पार्टी में शामिल हो, मैं यह कहना चाहूंगा कि सभी को पार्टी के नियमों और कायदों का पालन करना होगा. कोई भी पार्टी के ऊपर नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘कुछ नेताओं के खिलाफ शिकायतें हो सकती हैं, लेकिन सभी को यह समझना होगा कि हर कोई जो हमारे साथ जुड़ता है, उसे महत्वपूर्ण पद नहीं दिया जायेगा. लोकतंत्र में संख्या बल की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है. हमें (सत्ता में आने के लिए) संख्या प्राप्त करनी है.’
दिलीप घोष ने कहा, ‘हमारे समाज में, लोगों का एक वर्ग राजनीति में है और ये वर्ग जहां भी जाता है, उस पार्टी की ताकत बढ़ती है. अगर कुछ राजनेता हमारे साथ जुड़ने के इच्छुक हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे. दूसरी ओर, कानून अपना काम करेगा.’
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श्री घोष ने कहा कि पार्टी ने एक तंत्र बनाया है, जो पार्टी में शामिल किये जाने वाले व्यक्तियों के बारे में जांच करेगा. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी के पुराने सदस्यों को भरोसा दिया कि उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि प्रत्येक को उनकी क्षमताओं के अनुसार समायोजित किया जायेगा.
कौन बनेगा भाजपा का मुख्यमंत्री?
विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पेश करने के मुद्दे पर घोष ने कहा कि यह निर्णय पार्टी नेतृत्व को करना है. यह पूछे जाने पर कि यदि उनकी पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश करती है, तो क्या वह चुनौती को लेंगे, श्री घोष ने कहा कि वह भाजपा के एक वफादार सिपाही हैं और हमेशा सभी जिम्मेदारियों को निभाया है.
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उन्होंने कहा, ‘जब मुझे पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए कहा गया, तो मैंने इसे स्वीकार किया. मैंने कड़ी मेहनत की, जब मुझे विधायक या सांसद पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए कहा गया, तो मैं सहमत हुआ. पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी, मैं उसे स्वीकार करूंगा, मैं अपना कर्तव्य निष्ठा से निभाऊंगा.’
Posted By : Mithilesh Jha