दिलीप घोष का ममता बनर्जी पर तंज- जहां बनना चाहिए था टाटा का कारखाना, वहां खिले काश के फूल
पश्चिम बंगाल में दुर्गापूजा के दौरान राजनीतिक पार्टियों का एक दूसरे पर तंज कसने में व्यस्त दिख रही है.भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष आज हुगली के सिंगूर पहुंचे हुए थे. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि बंगाल की तृणमूल सरकार ने टाटा को बंगाल में होना चाहिए था.
पश्चिम बंगाल में चारों ओर दुर्गापूजा की धूम है जबकि राजनीतिक पार्टियां इस पूजा मूड में भी एक दूसरे पर तंज कसने से बाज नहीं आ रही है.बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष आज हुगली के सिंगूर पहुंचे हुए थे. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि बंगाल की तृणमूल सरकार ने टाटा कंपनी के साथ ऐसा कर दिया कि जहां पर कारखाना होना चाहिए था वहां पर आज जंगल व काश के फूल खिले हुए है.
I am speaking from Singur's Kashbon!
Subha Shashti to all.May the people of Paschim Banga rejoice in the joy of #DurgaPuja .I pray to Maa so that industries come to this state. So that none has to dream of getting employed by selling ghugni,frying chops & making kashful pillows! pic.twitter.com/AX2tYqqPS5— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) October 1, 2022
दिलीप घोष ने कहा कि सिंगूर में चारों ओर काश के फूल खिले हुए हैं. लोगों ने जमीन दी थी तो उन्होंने सोचा नहीं होगा कि यह जमीन बंजर रह जाएगी.ना फसल उगेगी और ना ही कारखाना लग पाएगा. टाटा की फैक्ट्रियों को बंद करके सरकार वोट लेकर यहां आई. सरकार ने यहां क्या किया है? कोई उद्योग नहीं, कोई कृषि नहीं है. केवल काश फूल ही है. सिंगूर के लोग उस काश फूल को देख कर पूजा कर रहे हैं. घुगनी-मुड़ी इंडस्ट्री की बात कर रहे हैं. इससे आगे बढ़ेगा बंगाल? तृणमूल सरकार बंगाल के लोगों को बेवकूफ बना रही है.
Also Read: WB SSC Scam: माणिक भट्टाचार्य के मामले की सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित, गिरफ्तार नहीं कर पाएगी सीबीआई भाजपा का बंगाल की जनता ने नहीं दिया साथभाजपा का बंगाल की जनता ने साथ नहीं दिया है अगर साथ देती तो आज यहां टाटा की इडस्ट्री शुरु हो गई होती और हजारों की संख्या में लोगों को रोजगार मिल गया होता. भाजपा ने पूरे देश में इंडस्ट्री की है. नैनो सिंगूर से गुजरात चली गई. नैनो का निर्माण इसलिए हुआ क्योंकि वहां भाजपा का शासन था. टाटा मोटर्स उस फैक्ट्री से बैटरी से चलने वाली कारें बना रही है. इस बारे में दिलीप घोष ने कहा, यहां नैनो का कारखाना नहीं लगा, कोई और इंडस्ट्री हो सकती थी. लोगों ने उम्मीद में जमीन की तीन फसलें दीं कि नौकरी और व्यापार होगा. कुछ नहीं हुआ. जमीन बर्बाद हो गई है. फसलें नष्ट हो गईं. भूमि का सदुपयोग करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.
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