Kolkata News: तृणमूल के नेता मदन मित्रा ने टिप्पणी कर विवाद छेड़ दिया है कि पश्चिम बंगाल सचिवालय तक भाजपा के मार्च के दौरान हिंसा और पुलिस पर हमलों में शामिल लोगों को सिर्फ दस मिनट में सबक सिखाया जा सकता है. हालांकि साथ ही राज्य के पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने यह भी कहा कि टीएमसी भाजपा की नीतियों के प्रतिशोध में इस तरह की कार्रवाई के पक्ष में नहीं है. मदन मित्रा के बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने पलटवार करते हुए कहा कि बोरिया-बिस्तरा बांधकर बाहर भेज दूंगा. हमारे भी हाथ हैं.
मदन मित्रा के बयान पर दिलीप घोष ने पलटवार करते हुए कहा, मैंने वह डायलॉग बहुत सुना है. सीधे खड़े नहीं हो सकते. वह फिर क्या धमकी देंगे? उन्होंने कहा, हमारे भी हाथ हैं. 13 तारीख के नबान्न अभियान से हम समझ गये हैं. पुलिस ने सभी गुंडों को लगा दिया था. अब समझ लीजिए बंगाल का मिजाज बदल गया है. लोगों ने जिम्मेदारी दी है. लोग कान पकड़कर नीचे खींच लेंगे, क्योंकि लोग अब तृणमूल को समझ चुके हैं. विधायक मदम मित्रा ने अपने कमरहाटी निर्वाचन क्षेत्र में एक जनसभा में कहा, अगर पार्टी के शीर्ष स्तर से निर्देश मिले तो गुंडागर्दी और तोड़फोड़ करने, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और टीएमसी तथा प्रशासन को धमकी देने वालों को पीटने में दस मिनट से ज्यादा समय नहीं लगेगा.
भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने मदन मित्रा पर पलटवार करते हुए कहा, टीएमसी नेता लगातार खतरनाक टिप्पणियां कर रहे हैं क्योंकि वे आम लोगों का समर्थन खो रहे हैं. अब बंगाल में तृणमूल ज्यदा दिन नहीं टिकने वाली है. बस कुछ दिन बाकी है उसके बाद बंगाल में भाजपा का राज करेगी. टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि भाजपा को बंगाल के लोगों का कोई समर्थन नहीं है, इसलिए सिन्हा जैसे नेताओं की टिप्पणियों को महत्व नहीं दिया जाना चाहिए. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय नबान्न अभियान के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प के चलते कोलकाता और हावड़ा जिले के कुछ हिस्से गत मंगलवार को संघर्ष के मैदान में तब्दील हो गए थे.