Bengal Chunav 2021 : पीएम मोदी मेरे अच्छे मित्र, अमित शाह से भी है संपर्क – BJP में शामिल होने की अटकलों के बीच बोले दिनेश त्रिवेदी

Dinesh Trivedi Joins BJP, bengal chunav 2021 : राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को करारा झटका देनेवाले दिनेश त्रिवेदी ने एक दावा किया है कि वर्ष 1990 से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके मित्र हैं, इसलिए कभी भी उनकी पार्टी के दरवाजे बंद नहीं हो सकते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उनके दोस्त हैं

By Prabhat Khabar News Desk | February 13, 2021 9:40 AM
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Bengal Chunav 2021 : राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को करारा झटका देनेवाले दिनेश त्रिवेदी ने एक दावा किया है कि वर्ष 1990 से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके मित्र हैं, इसलिए कभी भी उनकी पार्टी के दरवाजे बंद नहीं हो सकते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उनके दोस्त हैं. दोनों ऐसे नेता हैं, जो सिर्फ देश के बारे में सोचते हैं. त्रिवेदी ने कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी वह उनसे मिलने जाते थे. यदि वह भाजपा से जुड़ते हैं, तो उन्हें कोई रोक नहीं सकता है. भाजपा से जुड़ना कोई गलत बात नहीं है.

एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए इस्तीफे की वजह के बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री त्रिवेदी ने कहा कि वह बहुत भावुक व्यक्ति हैं और पार्टी में रहते हुए यदि उन्हें कहा जाये कि वह प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को लेकर गलत टिप्पणी करें, तो वह ऐसा काम क्यों करेंगे? ऐसी संस्कृति बंगाल की नहीं है. किसी को भी अपशब्द क्यों कहना चाहिए? बंगाल में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. गलतियों की कोई जगह नहीं है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बंगाल दौरे के दौरान उनके काफिले पर हुए हमले की जब उन्होंने निंदा की, तो अपनी ही पार्टी में उनकी निंदा हुई. बंगाल के लोग शांतिप्रिय हैं.

त्रिवेदी ने आगे कहा, उन्हें लगता है कि बंगाल को खुद को खोजने की जरूरत है. इस्तीफा देना पहले से तय नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा सदन में उन्होंने जो भी कहा, वह दिल से कहा. इस्तीफे से पहले उन्होंने अपने गुरु से पूछा था. उन्होंने सहमति जतायी, तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया. त्रिवेदी ने यह भी कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी के लिए बेहतरी का कामना करते हैं. निजी तौर पर उनके साथ कोई मतभेद नहीं है. बनर्जी से यही कामना है कि राज्य में होनेवाली हिंसा की वह भी निंदा करें और हिंसा पर अंकुश के लिए ठोस कदम उठायें. इस्तीफे के कदम से उनके सिर पर जो बोझ था, वह हट गया है.

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Posted By : Avinish kumar mishra

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