रांची. दूरस्थ शिक्षा और वर्ष 2004 के बाद फिजियोथेरेपी में डिप्लोमा करने वाले विद्यार्थियों का परिषद में निबंधन नहीं होगा. झारखंड स्टेट काउंसिल ऑफ फिजियोथेरेपी परिषद (जेएससीपीटी) की बैठक में यह फैसला लिया गया है. परिषद के पदाधिकारियों ने माना कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस कोर्स) से डिप्लोमा और डिग्री लेकर लोग राज्य में काम कर रहे हैं. वहीं, दूरस्थ माध्यम से पढ़ाई करने के कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की संभावना कम हो जाती है. ऐसे में निबंधन पर पाबंदी लगाना जरूरी है. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि वर्ष 2004 के बाद फिजियोथेरेपी में डिप्लोमा करने वालों के मामले में सरकार और विभाग द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के लिए कोई दिशा-निर्देश दिया जाता है, तो इस पर निर्णय लिया जायेगा.
अतिरिक्त शैक्षणिक योग्यता के रूप में निबंधित किया जायेगा
इसके अलावा यूजीसी के मान्यता प्राप्त संस्था से एमपीटी (मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी) करने वाले विद्यार्थियों को अतिरिक्त शैक्षणिक योग्यता के रूप में निबंधित किया जायेगा. बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि बिना निबंधन के अस्पताल, क्लिनिक और निजी प्रैक्टिस करने वाले फिजियोथेरेपिस्ट पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. बैठक में निबंधक सह सदस्य सचिव डॉ अजीत कुमार, उपाध्यक्ष डॉ अभय कुमार पांडेय, अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन सहित सात सदस्य शामिल थे.
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अनुबंध पर बहाल होंगे प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर
शहीद निर्मल महतो चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, धनबाद में अनुबंध पर प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति होगी. स्वास्थ्य विभाग ने प्रोफेसर के नौ व एसोसिएट प्रोफेसर के तीन पदों पर नियुक्ति को लेकर विज्ञापन निकाला है. इनकी नियुक्ति कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ग्रेस्ट्रोइंट्रोलॉजी (मेडिकल), ग्रेस्ट्रोइंट्रोलॉजी (सर्जिकल), न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, कॉर्डियो वैस्कुलर थोरेसिक सर्जरी, प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी एडं बर्न यूनिट में होगी. एमसीआइ/ एनएमसी की अर्हता रखने वाले चिकित्सकों की नियुक्ति वॉक इन इंटरव्यू के आधार होगी. रांची के प्रशासनिक भवन में प्रोफेसर पद के लिए 22 जुलाई व एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए 23 जुलाई को साक्षात्कार होगा. प्रोफेसर पद के लिए प्रतिमाह ढाई लाख रुपये व एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए दो लाख रुपये का मानदेय निर्धारित किया गया है. अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 70 वर्ष निर्धारित की गयी है.