पश्चिम बंगाल, मुकेश तिवारी. पश्चिम बंगाल में आज से माध्यमिक परीक्षा शुरू हो रही है. इस बार राज्य के कूचबिहार मेखलीगंज प्रखंड के रानीरहाट ग्राम पंचायत के सुदूर जोठिया बाड़ी इलाके की रहने वाली सोलह वर्षीय मानसी वर्मा दिव्यांगता के बावजूद अपनी अदम्य इच्छाशक्ति के बल पर पैरों से लिखकर माध्यमिक परीक्षा देंगी.
मानसी शारीरिक बाधाओं से लड़कर जीवन में सफलता प्राप्त करने का सपना देखती है. शारीरिक बाधाओं ने उनकी अदम्य मानसिक इच्छाशक्ति को जन्म दिया है. बताया जाता है की मानसी स्थानीय शालमारी हाई स्कूल की छात्रा है. मानसी चल और बोल सकती है, लेकिन वह अपने हाथों से कुछ खास नहीं कर सकती. मानसी के दोनों ही हाथ जन्म से ही अचल है. लेकिन बचपन से ही मानसी इस अदम्य मानसिक बल से अपनी तैयारी शुरू की. इसके बाद उन्होंने अपने हाथों के जगह अपने पैरों से पत्र लिखना शुरू किया. फिर वाक्य निर्माण शुरू किया. छोटी उम्र से अभ्यास करने वाली मानसी सोलह वर्ष की उम्र में अब दसवीं की परीक्षा देंगी.
मानसी स्थानीय आलोक झरी स्कूल से पढ़ाई की है. मानसी के खास व्यक्तित्व के बारे में स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा कि मानसी हमेशा से एक मेधावी छात्रा रही है. हालाँकि, उनकी लेखन गति अपने पैरों से लिखने के कारण थोड़ी धीमी है. इसलिए इस बार की माध्यमिक परीक्षा में मानसी को 45 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया है. मानसी बताती है, बचपन से ही पैरों से लिखने की कोशिश की है. इस बार माध्यमिक परीक्षा में पैरों से लिखकर अपने जीवन के सपने को जीतना चाहती हूं. मानसी का यह अदम्य साहस समाज के अन्य दिव्यांग लोगों के लिए एक प्रेरणा है.