Kanpur : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने मंगलवार को ओपन फोरम पर स्टूडेंट्स से मुलाकात की. विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स विभाग के फाइनल ईयर के छात्र-छात्राओं से कुलपति ने उनके विभाग का हाल जाना और उनके अनुभवों के बारे में वार्ता की. कुलसचिव डॉ अनिल कुमार यादव के साथ स्टूडेंट्स के साथ प्रो पाठक ने फाइन आर्ट्स से जुड़े सभी विषयों पर वार्ता की.
विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ अकादमिक भवन में कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने छात्र-छात्राओं से वार्ता करते हुए उनके एडमिशन से लेकर पास आउट होने तक के अनुभवों के बारे में जाना. छात्रों ने अपने विषय को लेकर रहे अनुभवों, विभाग से जुड़ाव, विशेषज्ञों के साथ उनके विमर्श, क्लास रूम टीचिंग, करियर, भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बात की.
प्रो पाठक ने सभी छात्रों से उनके नजरिए के मुताबिक किए जाने वाले सुधारों पर भी चर्चा की. छात्रों के साथ संवाद करते हुए उन्होने कहा कि, आप लोग के अनुभव आने वाले समय में इस विभाग को और बेहतर बना सकते हैं. इसके लिए आवश्यक है कि सीनियर स्टूडेंट्स अपने जूनियर्स के साथ मिलकर यहां का अकेडमिक माहौल और अच्छा बनाने की दिशा में कार्य करें.
स्टूडेंट्स के साथ बातचीत में प्रो पाठक ने फाइन आर्ट्स के क्षेत्र में आ रहे नए बदलावों के बारे में भी जानकारी हासिल की. उन्होने स्टूडेंट्स का आश्वस्त किया कि अन्य संस्थानों में जो भी अगर नए इनोवेशन या नवीनतम अनुसंधान हो रहे हैं उन्हें हम अपने विश्वविद्यालय में भी उपलब्ध कराएंगे. हम नए विचारों को एक मंच देंगे. इसके लिए हम सभी को साथ मिलकर अपने विभाग को आगे बढ़ाना होगा. विश्वविद्यालय स्टूडेंट्स को हर संभव संसाधन उपलब्ध कराएगा, ताकि वह करियर की दिशा में स्वयं को कमतर ना समझ सकें.
सीएसजेएमयू द्वारा मनाए जा रहे 24 मई से 21 जून तक योगोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत आज दीनदयाल शोध केंद्र में योग विज्ञान-अध्यात्म और संभावनाएं विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई. कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक के मार्गदर्शन में हुए इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय, राष्ट्रीय संगठन सचिव उपस्थित रहे.
मुख्य अतिथि के तौर पर आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक उपस्थित रही. कार्यक्रम में डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय ने योग को पं दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद से जोड़ते हुए कहा कि व्यष्टि, समष्टि, सृष्टि से परमेष्टि की यात्रा ही योग है. योग जीवन जीने का ढ़ंग है. इस अवसर पर मुख्य अतिथि आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक ने आहार, विहार, विचार एवं व्यवहार की शुद्धता पर जोर दिया. उन्होने बताया कि मौसमी फलों को खाने में शामिल कर स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा सकता है.