कुछ रहस्य, हमेशा रहस्य क्यों बने रहते हैं,
इसलिए कि उन्हें कोई ऐसा सुपात्र नहीं मिलता
जिसके सामने वे अपना रहस्यत्व उतार फेंकें.
दुनिया के सारे रहस्य भी दरअसल एक प्रतीक्षा हैं.
यह पंक्तियां उस किताब की हैं जिसके बारे में हम आपके साथ चर्चा करने वाले है. यह कितान उस लेखक की है, जिसे भारत के दस सबसे अधिक पढ़े जाने वाले युवा लेखकों में शुमार किया गया है, आप बिलकुल ठीक समझ रहे हैं, यहां बात गीत चतुर्वेदी की ही हो रही है.
गीत चतुर्वेदी की हालिया किताब ‘अधूरी चीजों का देवता’ इन दिनों साहित्य जगत में चर्चा के केंद्र में है. इस किताब को रुख पब्लिकेशंस ने प्रकाशित किया है और यह पाठकों के लिए उपलब्ध है. किताब के बारे में जानकारी देते हुए गीत चतुर्वेदी ने बताया कि इस किताब में साहित्य, कविता, समाज, जि़ंदगी पर लिखे मेरे निबंधों और डायरी के अंशों का संग्रह है. यह 144 पेज की पुस्तक है.
किताब की विषयवस्तु से यह स्पष्ट है कि यह किताब बहुत उपयोगी होगी. पिछले कुछ वर्षों में गीत चतुर्वेदी ने जिस तरह विदेशी भाषाओं के लेखकों पर गहन अध्ययन और लेखन किया है, निसंदेह इस किताब में उसका निचोड़ देखने को मिलेगा. उनका अध्ययन जिस तरह का है वह विरले देखने को मिलता है.
गीत चतुर्वेदी की कविताएं बिलकुल नयापन लिये होती हैं, उनकी दृष्टि बहुत ही सूक्ष्म है, जो उनके लेखन में साफ झलकती है. गीत का इससे पहले एक कविता संग्रह आया था-खुशियों के गुप्तचर. यह कविता संग्रह भी खासा चर्चा में रहा था.
‘अधूरी चीजों का देवता’ किताब का कवर बहुत ही आकर्षक है. कवर पेज पर जो तसवीर लगायी गयी है वह अनुराग वत्स की है. तसवीर में पेंटिंग ब्रश और कंटेनर को दिखाया गया है, जो रचनात्मकता का परिचायक है. यह तसवीर किताब के नाम को काफी सपोर्ट करती नजर आती है और इसमें रंगों का संयोजन बेहद खूबसूरत है.
अब ‘अधूरी चीजों का देवता’ किताब आयी है, इसकी प्री-बुकिंग दिसंबर महीने से ही शुरू हुई है. यह गीत का गद्य लेखन है. जब यह किताब हाथों में आयेगी तो इसकी समीक्षा भी होगी. फिलवक्त इतना ही और गीत चतुर्वेदी को शुभकामनाएं.
Posted By : Rajneesh Anand