कांग्रेस की बैठक में दिखी नाराजगी, कई ने दिया इस्तीफा, 20 सूत्री में शामिल नहीं करने का लगाया आरोप
कोडरमा में 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति में शामिल नहीं होने से नाराज जिला महिला कांग्रेस की पूरी टीम के साथ जिला कांग्रेस कमेटी के कुछ कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया. इस मामले में बीस सूत्री की सूची में महिला कांग्रेस समेत अन्य को दरकिनार करने का आरोप लगाया गया.
Jharkhand News: कोडरमा शहर के वार्ड नंबर एक में महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष बेबी सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ ही महिला कांग्रेस की पूरी कमेटी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बेबी सिन्हा ने कहा कि सरकार स्तर से जारी बीस सूत्री क्रियान्वयन समिति की सूची में जिले से नाम भेजना जिलाध्यक्ष का काम होता है. नाम भेजने में जिलाध्यक्ष मनोज सहाय पिंकू ने महिला कांग्रेस कमेटी को पूरी तरह दरकिनार कर दिया है.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज सहाय पिंकू पर लगाया आरोप
बेबी सिन्हा ने कहा कि पिछली सूची में हमारा नाम था, लेकिन एक षड़यंत्र के तहत जिला और कुछ प्रखंडों की सूची में फेरबदल किया गया. गौर करने वाली बात ये है कि वहां की सूची नहीं बदली गई जहां इसकी जरूरत थी. पिछली सूची के हिसाब से सतगांवा में दो मृत व्यक्ति के भी नाम आ गए. इससे साफ पता चलता है कि जिलाध्यक्ष का ध्यान पार्टी पर नहीं है. इससे पार्टी कमजोर हो रही है.
प्रदेश अध्यक्ष से संज्ञान लेने की अपील
उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से आग्रह किया कि इस बात को समझें और मामले पर संज्ञान लें. तभी हमलोग अपने-अपने पदों पर वापस लौटेंगे अन्यथा हम अभी पार्टी के कोई भी पद पर नहीं हैं. बैठक में मौजूद जयनगर प्रखंड अध्यक्ष फहीम खान, सोशल मीडिया प्रभारी भोला दास, डोमचांच महिला कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष सुषमा पांडेय, झुमरीतिलैया महिला कांग्रेस नगर अध्यक्ष असगरी खातून ने भी जिलाध्यक्ष पर निशाना साधा.
इन्होंने दिया इस्तीफा
महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष बेबी सिन्हा, जयनगर प्रखंड अध्यक्ष फहीम खान, सोशल मीडिया प्रभारी भोला दास, पवन यादव, सुषमा पांडेय, असगरी खातून, सलमा खातून, प्रिया सिंह, संगीता देवी, मंजू देवी, राजेश यादव, आसीन अंसारी, राजेंद्र सिंह, सेलिना खातून ने अपने पद से इस्तीफा दिया है.
कांग्रेस में नहीं चलेगी पद की लालसा : जिलाध्यक्ष
इधर, जिलाध्यक्ष मनोज सहाय पिंकू ने महिला कांग्रेस व अन्य कुछ नेताओं द्वारा इस्तीफा दिए जाने के सवाल पर कहा कि आज कांग्रेस में सेवा देने का वक्त है. कोई पद की लालसा रखता है तो यह नहीं चलेगा. कोई भी कहीं पर जाने के लिए स्वतंत्र है. नियमत: बीस सूत्री उपाध्यक्ष का पद तो जिलाध्यक्ष को मिलना चाहिए था, पर जब पार्टी ने महिला नेत्री लीलावती मेहता को उपाध्यक्ष बनाया तो मैंने सम्मान करते हुए इसे स्वीकार किया. आरोपों में कोई दम नहीं है. आरोप लगाने वाले अशोभनीय बात कर रहे हैं.