आगरा: कोर्ट में 24 गवाह मुकरने से हर्ष फायरिंग का आरोपी बरी, गोली लगने से हुई थी युवक की मौत

आगरा के फतेहपुर सीकरी थाना क्षेत्र में वर्ष 2017 में एक शादी समारोह के दौरान हुए हर्ष फायरिंग में युवक की मौत हो गई थी. इस घटना में पुलिस ने एक आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था. पुलिस ने विवेचना में 30 गवाह बनाए गए थे. अदालत में सुनवाई के दौरान 24 गवाह अपने बयान से मुकर गए.

By Prabhat Khabar News Desk | May 11, 2023 10:24 AM

Agra : यूपी में आगरा के फतेहपुर सीकरी थाना क्षेत्र में वर्ष 2017 में एक शादी समारोह के दौरान हुए हर्ष फायरिंग में युवक की मौत हो गई थी. इस घटना में पुलिस ने एक आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था. पुलिस ने विवेचना में 30 गवाह बनाए गए थे. अदालत में सुनवाई के दौरान 24 गवाह अपने बयान से मुकर गए. इस पर अपर जिला जज प्रथम विनोद कुमार बरनवाल ने आरोपी राजवीर फौजी को बरी करने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, यह मामला फतेहपुर सीकरी थाना क्षेत्र के सामरा गांव का है. गांव निवासी मुकेश उर्फ लोहरे ने मुकदमा दर्ज कराया था. 24 फरवरी 2017 को गांव के नवाब खां के बेटों की शादी का कार्यक्रम था. शादी में शामिल होने के लिए लोहरे अपने बेटों असलम और आसिफ के साथ गए थे. आसिफ की उम्र 18 साल थी. लोहरे ने आरोप लगाया कि सूरजमल नगर मथुरा गेट, भरतपुर निवासी रिटायर फौजी राजवीर अपनी लाइसेंसी बंदूक लेकर शादी में आया था. उस समय वह गांव सामरा में रह रहा था.

मुकदमें में 30 गवाह अपने बयान से मुकर गए

शादी के दौरान राजवीर ने हर्ष फायरिंग की. जिससे उसकी बंदूक से चली गोली उसके बेटे आसिफ की गर्दन में जा लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. रिटायर फौजी राजवीर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और आयुध अधिनियम में आरोपपत्र अदालत में प्रेषित किया गया. घटना के प्रत्यक्षदर्शी वादी मुकेश उर्फ लोहरे, असलम, बने सिंह सहित 24 लोग थे. अभियोजन ने प्रत्यक्षदर्शी व पुलिस सहित 30 लोगों की गवाही कराई. वादी सहित 24 गवाह पूर्व के कथन से मुकर गए.

कोर्ट ने आरोपी को बरी करने के दिए आदेश

अदालत में सुनवाई के दौरान प्रत्यक्षदर्शी व पुलिस सहित 30 लोगों की गवाही कराई गई. उन्होंने अदालत में कहा कि समारोह में कई लोग फायरिंग कर रहे थे. किसकी गोली लगने से आसिफ की मौत हुई, यह उन्हें पता नहीं है. जबकि कई गवाहों ने आरोपी राजवीर की घटनास्थल पर उपस्थिति ही नकार दी. अपर जिला जज प्रथम विनोद कुमार बरनवाल ने वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक शर्मा के तर्क सुनने के बाद आरोपी को बरी करने के आदेश जारी किए.

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