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गोड्डा : अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से व्यवस्था में गड़बड़ी

मंगलवार को कुछ विद्यालयों में व्यवस्था की पड़ताल की गयी. इसमें चांदा पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय महुआरा में दिन के 10.30 बजे विद्यालय परिसर में बच्चे खेलते नजर आये. विद्यालय में नामांकित बच्चे की संख्या 432 है.

गोड्डा : ठाकुरगंगटी प्रखंड क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर प्रयास किया जा रहा है. मगर इन सभी से ज्यादा जरूरी शिक्षकों की कमी है, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है. इस वजह से शिक्षा का स्तर लगातार नीचे जा रहा है. क्षेत्र में इन दिनों अधिकतर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को नयी शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान है. मगर उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी ठीक से नहीं हो पा रही है. प्रखंड के अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक की कमी की वजह से व्यवस्था में कमी दिखने को मिल रही है.


प्रखंड में बच्चों की तुलना में शिक्षक नहीं

प्रखंड में मध्य विद्यालय की संख्या 41 बतायी गयी है. इनमें नामांकित कुल बच्चों की संख्या 9412 है. सरकारी शिक्षकों की संख्या 136 एवं पारा शिक्षकों की संख्या 103 है. किसी विद्यालय में अधिकांश शिक्षक तो कहीं शिक्षकों की कमी से बच्चे की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है. कारण बच्चों को आवश्यक शिक्षा ठीक से नहीं मिल पा रही है. अगर सभी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या को ठीक कर दी जाये, तो बच्चों को पढ़ाई-लिखाई में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

स्कूलों की पड़ताल में मामला आया सामने

मंगलवार को कुछ विद्यालयों में व्यवस्था की पड़ताल की गयी. इसमें चांदा पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय महुआरा में दिन के 10.30 बजे विद्यालय परिसर में बच्चे खेलते नजर आये. विद्यालय में नामांकित बच्चे की संख्या 432 है. विद्यालय में पदस्थापित पारा शिक्षक सह सचिव धनंजय कुमार मंडल ने बताया कि अकेले ही स्कूल संचालित कर रहे है. विद्यालय में कार्यरत तीन पारा शिक्षकों संजय कुमार मंडल अवकाश पर तथा राजेश कुमार मंडल आवश्यक कार्य से बाहर बताये गये. विद्यालय में शिक्षक की कमी का असर देखने को मिल रहा था. विद्यालय में कम से कम पांच शिक्षकों की जरूरत बतायी गयी. विद्यालय में शिक्षक की कमी के कारण बच्चों की उपस्थिति भी कम थी. विद्यालय में भवन, पेयजल की व्यवस्था व शौचालय के लिए पानी तक की व्यवस्था नदारत थी. बताया कि अगर किसी बच्चे को शौच जाना हो ताे उसे बाहर से बाल्टी भरके पानी लेकर आना होगा. स्कूल की छात्र-छात्राओं में पूजा कुमारी, कोमल कुमारी, साक्षी कुमारी, विक्रम कुमार, हर्ष कुमार, आयुष कुमार का कहना था कि शिक्षक नहीं रहने के कारण उन्हें बेहतर निष्पक्षता नहीं मिल पा रही है. वहीं मध्याह्न भोजन भी मीनू के अनुसार नहीं मिल पा रहा है. बच्चों ने बताया कि लगभग यही स्थिति हमेशा बनी रहती है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुजानकित्ता में भी नामांकन के अनुरूप शिक्षकों की कमी है. स्कूल में शौचालय रहने के बावजूद पानी की समुचित व्यवस्था नहीं रहने की वजह से बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

क्या कहते हैं अधिकारी

स्कूल में बच्चे हैं, मगर शिक्षक के बिना पढ़ाई बाधित हो रही है. इस वजह से प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है. गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिए पदाधिकारियों को समय-समय पर भ्रमण कर निरीक्षण की जरूरत है. कई बार बीस सूत्री की बैठक में मामला उठाया गया है.

– अवधेश ठाकुर, प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष

प्रभारी बीपीओ राजेश रमण ठाकुर ने बताया कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है. इस पर आवश्यक पहल ऊपर स्तर से ही होगी. फिलहाल बच्चों की उपस्थिति स्कूलों में हो, इसको लेकर उनकी ओर से पहल की जायेगी.

-राजेश रमण ठाकुर, प्रभारी बीपीओ, ठाकुर गंगटी

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