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Jharkhand News: आर्थिक संकट से जूझ रहा गोमो का दिव्यांग नेशनल खिलाड़ी, नहीं ले रहा कोई सुध

गोमो का दिव्यांग नेशनल खिलाड़ी इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है. आर्थिक समस्या से जूझने के बावजूद क्षेत्र के खिलाड़ियों को वर्षों से प्रोत्साहित करने में जुटे हैं. इसके बावजूद कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है.

Jharkhand News: धनबाद जिला अंतर्गत गोमो की भुइयां चितरो पंचायत के दिव्यांग नेशनल खिलाड़ी मोहम्मद अख्तर अंसारी (47 वर्ष) मैच खेलकर तथा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देकर परिवार का पेट किसी तरह पालने को विवश है. आर्थिक समस्या से जूझने के बावजूद क्षेत्र के खिलाड़ियों को वर्षों से प्रोत्साहित करने में जुटे हैं. उन्हें सरकारी स्तर पर कोई फायदा नहीं मिला. जिसका मलाल उन्हें आज भी है.

बचपन से ही खेल भावना जागृत

मोहम्मद अख्तर अंसारी ने प्रभात खबर को बताया कि गांव में फुटबॉल का माहौल नहीं था. लोगों को फुटबॉल खेलते देखते थे. जिससे मेरे अंदर भी खेल की भावना जागृत हो गई. बचपन से क्रिकेट और फुटबॉल खेलने का शौक था. आजाद हिंद उच्च विद्यालय से 1996 में मैट्रिक पास किया. सात सितंबर, 1998 को फुटबॉल मैच खेलने झरिया गया था. हेड से गोल करने के बाद असंतुलित होकर गिर गया. जिसमें मेरा बाया हाथ जख्मी हो गया. धनबाद जिला में बेहतर इलाज नहीं मिलने के कारण बीमारी बढ़ते चला गया. आखिरकार पटना में एक चिकित्सक के यहां अपना हांथ कटवाना पड़ा. इसके बावजूद खेल के प्रति जूनून कम नहीं हुआ. आज भी खेल से जुड़े हैं.

भरण-पोषण में होती है परेशानी

अख्तर अंसारी ने बताया कि परिवार का पेट पालने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मैच खेलने जाते हैं, तो खेलने के एवज में कुछ रुपये मिल जाता है. फिलहाल भुइयां चितरो, गिरिडीह तथा धनबाद में प्रशिक्षण देते हैं. जिससे कुछ रुपये प्राप्त हो जाता है. चोरापट्टी गांव में भी बहुत जल्द प्रशिक्षण देने का काम शुरू करेंगे.

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खिलाड़ियों को किया उत्साहित

अख्तर ने बताया कि गांव में खेल भावना जगाने के लिए गांव स्तर पर कई बार मैच कराया. अपने मेडल से विजेता और उप विजेता टीम को सम्मानित कर चुके हैं. कहा कि अब मेरे पास कुछ ही मेडल और कप बचा है.

पुराने खिलाड़ियों को नहीं मिला लाभ

उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार खिलाड़ियों पर ध्यान दे रही है. खेल को बढ़ावा भी मिल रहा है, लेकिन पुराने खिलाड़ियों को सरकारी स्तर पर कोई लाभ नहीं मिल रहा है.

रन उगलता है अख्तर का बल्ला

गोल्फ ग्राउंड धनबाद में दिव्यांगों के लिए आयोजित स्पेशल 20-20 टूर्नामेंट में एक हाथ के बल्लेबाज मोहम्मद अख्तर अंसारी ने 200 रन बना दिया था. उसके धुआंधार बल्लेबाजी के लोग कायल हो गए थे. अख्तर की माने, तो उसे सामान्य लोगों के साथ भी क्रिकेट खेलने में कोई परेशानी नहीं होती है.

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कौन-कौन क्लब से खेले

धनबाद जिले के विवेकानंद क्लब, हिंदुस्तान जिंक टुंडू, बाबा स्पोर्टिंग क्लब बरवड्डा, मूनलाइट क्लब भुइया चितरो, हाशमी क्लब धनबाद, रेनबो क्लब मनोहरपुर तथा नेहरू क्लब मुराईडीह से फुटबॉल खेल चुके हैं.

अख्तर के खेल का सफरनामा

– 1988 में जिला स्तरीय विद्यालय टीम से फुटबॉल मैच

– मोइनुल हक ट्रॉफी मोतिहारी से फुटबॉल मैच

– 1997 सातवां चतुर्भुज राम मेमोरियल ऑल इंडिया फुटबॉल टूर्नामेंट

– 2003 धनबाद फुटबॉल एसोसिएशन

– 2003 समाज कल्याण विभाग झारखंड सरकार द्वारा प्रखंड स्तरीय दिव्यांग खेलकूद प्रतिभा सम्मान समारोह

– 2009 रांची में दिव्यांगों के लिए आयोजित इंडियन क्रिकेट फेडरेशन मैच

– 2009 चौथा नेशनल दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट महाराष्ट्र

– 2010 आठवां यूथ नेशनल फुटबॉल चैंपियनशिप इलाहाबाद (सेवन ए साइड टीम)

– 2010 पांचवा नेशनल दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट ऑफ उत्तर प्रदेश

– 2012 पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान का प्रशिक्षण लिया

– 2013 प्रथम नेशनल दिव्यांग इंडोर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ तमिलनाडु

– 2013 दिव्यांगों के लिए धनबाद में आयोजित 20-20 क्रिकेट मैच

– 2015 झारखंड दिव्यांग खेलकूद एंड वेलफेयर एकेडमी से क्रिकेट.

रिपोर्ट : बेंक्टेश शर्मा, गोमो, धनबाद.

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